
छत्तीसगढ़ में पहली बार पहाड़ी झरने से बिजली उत्पादन का प्रयोग सफल हुआ है। एक सामाजिक वैज्ञानिक की कोशिशों से रायगढ़ जिले के सुदूर जंगलों में बसे दो गांवों के ग्रामीणों ने खुद के लिए बिजली बनाई है। अब इन गांवों के प्रत्येक घर को 5-5 बल्ब का बिजली कनेक्शन देने की तैयारी है। इस बिजली से गांव के स्कूल और आंगनबाड़ी को भी रोशन किया जाएगा।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक में पहाड़ी पर उरांव जनजाति के दाे गांव है। छाता नाला के दोनों किनारे पर बसे माली कछार और बेलसिंगा गांव में ग्रिड से बिजली नहीं पहुंच पाई है। सामाजिक वैज्ञानिक प्रो. डी. एस. मालिया ने इस गांव के ऊपर पहाड़ी पर स्थित प्राकृतिक झरना जिसे स्थानीय लोग “बिरनी माड़ा’ कहते हैं बिजली बनाई।