आदर्श शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होते हैं” – प्रो दिवाकर सिंह राजपूत
केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान संकाय में हुआ "संवाद" कार्यक्रम

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के मानविकी एवं समाज विज्ञान संकाय के अंतर्गत ‘सम्वाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और निर्देशन अधिष्ठाता प्रो दिवाकर सिंह राजपूत ने की। कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक विज्ञान विषयों में नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों के साथ संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत बैठक संपन्न हुई।
संवाद कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी सहायक प्राध्यापकों ने अपने अकादमिक एवं विभिन्न कार्यक्षेत्रों वा शोध के बारे में बताया।
इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत ने संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय में पठन – पाठन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने, अकादमिक शोध में संलग्न होने संबंधी मार्गदर्शन दिया।
प्रोफेसर राजपूत ने कहा कि “एन ई पी के अनुसार इंटरडिसिप्लिनरी और मल्टी डिस्प्लिनरी अध्ययन पर जोर दिया जाना चाहिये । इसलिए इस दिशा में समाजविज्ञान के सभी विषयों को एक साथ मिलाकर संगोष्ठी, शोध-कार्य, शोध पत्र इत्यादि की दिशा में कार्य किए जाएंगे। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने पर जोर दिया जाना चाहिये। शिक्षक विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होते हैं इसलिए एक सफल शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाएं।
प्रोफेसर राजपूत ने आगामी समय में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों एवं आयोजनों के बारे में भी चर्चा की। कार्यक्रम में डॉ दिव्या भनोट, डॉ संचिता मीणा, डॉ अर्चना, शासना योमसो, डॉ निकिता जायसवाल, डॉ एकता श्रीवास्तव, डॉ प्रवीण, डॉ धनंजय विक्रम, डॉ अखिलेश, डॉ दिवाकर आदि ने सहभागिता की और अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ दिव्या भनोत ने दिया।