अस्पताल में दो और बच्चों की मौत:अब तक 48 घंटे में हो चुकी है 4 बच्चों की मौत, 36 बेड पर भर्ती हैं 80 से ज्यादा
ग्वालियर के KRH (कमलाराजा हॉस्पिटल) में लगातार दूसरे दिन दो बच्चों की मौत हुई है। 48 घंटे में चार मासूम ने अव्यवस्था के चलते दम तोड़ दिया है। यहां 36 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड में अभी भी 80 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं। एक बेड पर 3 तो कहीं चार बच्चों को भर्ती कर इलाज के किया जा रहा है।
KRH में सोमवार को जिन दो बच्चों की मौत हुई थी उनको दिमागी बुखार बताया गया था, लेकिन मंगलवार रात को जिन दो बच्चों ने दम तोड़ा है उनको दिमागी बुखार नहीं था। वह अलग-अलग रोग से पीड़ित थे। पर बुखार उनको भी आ रहा था। अकेले कमला राजा अस्पताल में ही यह हालात नहीं है बल्कि मुरार जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में 12 बेड पर 20 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं।
ग्वालियर में डेंगू, वायरल और दिमागी बुखार के पीड़ित बच्चे काफी संख्या में मिल रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें से अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में लगातार दिमागी बुखार के मरीज बढ़ने लगे हैं। यह दिमागी बुखार अब जानलेवा भी होता जा रहा है। यहां सोमवार को दो बच्चों की दिमागी बुखार के चलते मौत हुई थी। अभी स्थिति संभली भी नहीं थी कि मंगलवार रात को भी दो बच्चों ने कमलाराजा हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। हालांकि इन दोनों ही बच्चों को दिमागी बुखार नहीं था।
मंगलवार को जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें भिंड गोहद निवासी 10 साल की बच्ची तमन्ना है इस बच्ची को सेप्टीसीमिया हुआ था। जिस कारण बुखार आने के बाद उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। दूसरा बच्चा मुरैना का आरव है। इसके दिल में छेद होने साथ ही लगातार बुखार आ रहा था। इस तरह बीते 48 दिन में 4 बच्चों की JAH के KRH में मौत हो गई है। अभी भी यहां एक बेड पर 3 तो कहीं 4 मरीज भर्ती करना पड़ रहे हैं। जल्द ही पीडियाट्रिक वार्ड में 20 बेड बढ़ाए जा रहे हैं। एक दो दिन में इंतजाम हो जाएगा।
जिला अस्पताल में भी हालात बदतर
डेंगू और वायरलजनित बीमारियों के कहर से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। जयारोग्य और कमलाराजा अस्पताल की तरह जिला अस्पताल मुरार में भी स्थिति चिंताजनक है। यहां बेड फुल होने से मरीज को वार्ड के फ्लोर पर भर्ती करना पड़ रहा है। यहां 12 बेड के पीडियाट्रिक वार्ड में 20 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं। जो बच्चे भर्ती हैं उनके परिजन को बैठने तक की जगह नहीं है। सिविल सर्जन डॉ. डीके शर्मा ने कहा, ICU का काम अंतिम चरण में है। पीडियाट्रिक ICU का काम भी चल रहा है। दोनों के लिए जरूरी उपकरण की डिमांड पूर्व में ही शासन को भेजी जा चुकी है। जल्द ही यह समस्या दूर हो जाएगी।