जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

अवैध  रेत उत्खनन  विवाद : बिजुरी पुलिस ने किया दोनों पक्षों पर मामला दर्ज

अनुपपुर। बैहाटोला घाट से रेत चोरी की सूचना पर पहुंचे रेत कम्पनी एसोसिएट कामर्स के कर्मचारीयो के साथ बिजुरी के रेत माफियाओंद्वारा रेत चोरी करते पकड़े जाने पर की गई मारपीट व गाली गलौज के मामले पर बिजुरी पुलिस ने ट्रेक्टर चालक कोमल सिंह व दीपक द्वारा अपने मालिक अली अहमद और रिजवानुर्रहमान के साथ उपस्थित होकर  शिकायत की हैं कि बैहाटोला पंचायत की रोड पर मिट्टी और मुरुम डालने का काम कर रहा था। इसी दौरान बैहाटोला मोड़ के पास ट्रेक्टर खड़ाकर खाना खा रहे थे। इसी दौरान कोतमा तरफ से रेत कम्पनी के कर्मचारी आकर रेत चोरी के नाम पर गाली गलौज व मारपीट किये जिसपर बिजुरी पुलिस ने 15 जुलाई को रांत 10:40 में रेत कम्पनी के साइट इंचार्ज शुभम सिंह, आदित्य श्रीवास्तव, व चरन सिंह पर बीएनएस की धारा 296, 115 (2),351 (3),3(5) BNS कायम कर विवेचना मे लिया गया।

 

 

जबकि घटना के बाद दोनों पक्ष रांत में बिजुरी थाने पहुचे थे। मगर एक पक्ष की शिकायत पर ही मामला पंजीबद्ध हुआ था। जहाँ एसोसिएट कामर्स के साइट इंचार्ज शुभम सिंह ने 100 डायल की मदद से रेत माफियाओं से घटना स्थल की जगह से अपने कर्मचारियों को छुड़ाकर कोतमा थाने आकर शिकायत दर्ज किए जिसकी एमएलसी और जांच डायरी घटना स्थल बिजुरी होने पर कोतमा से बिजुरी ट्रांसफर की गई। जिसपर बिजुरी पुलिस ने जांच उपरांत शिकायत कर्ता चरन सिंह की शिकायत पर दूसरे पक्ष के ट्रेक्टर मालिक अली अहमद व रिजवानुर्रहमान पर बीएनएस की धारा अपराध धारा 296, 115 (2),351 (3),3(5) BNS कायम कर विवेचना मे लिया गया।

 

अवैध रेत उत्खनन या अवैध मुरुम जांच का विषय

दरअसल मीडिया में लगातार खबर छप रही है कि जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत केवई नदी के बैहाटोला मुक्तिधाम घाट से लगातार रेत चोरी बिजुरी पुलिस की मिलीभगत से चल रही है। सूत्रों की माने तो बिजुरी पुलिस और रेत माफियाओं की सांठगांठ से ही बिजुरी व आसपास के रेत माफियाओं के द्वारा केवई नदी से रात 10:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक रेत चोरी की जा रही है। सूत्रों की माने तो बैहाटोला स्थित मुक्तिधाम घाट से पूरी रात रेत की चोरी की जाती है जिसकी खपत बिजुरी नगर व आसपास के क्षेत्रों में होती है। चूंकि बिजुरी पुलिस से सेटिंग है जिस कारण रेत माफियाओं के विरुद्ध पुलिस ने किसी प्रकार से कोई कार्रवाई नहीं की जिसका नतीजा है की रेत माफियाओं ने रेत चोरी के साथ ही हौसला दिखाते हुए रेत कर्मचारियों के ऊपर हमला कर मुकदमा भी दर्ज करवा दिया। अगर घटना के दौरान पुलिस की गश्ती टीम

घटना स्थल पर पहुंचती तो उन्हें रेत से भरे ट्रेक्टर मौके पर मिलते मगर पुलिस ने मौके पर जाना उचित नही समझा और रेत माफिया एसोसिएट कामर्स के कर्मचारियों से वाहन छुड़ाकर ले गए। जिसे बाद में बैहाटोला पंचायत में मिट्टी व मुरुम ढुलाई कर खाना खाने में दौरान गाली गलौज व मारपीट का रूप दे दिया गया।

कृषि कार्य मे रजिस्टर्ड वाहन कर रहे अवैध उत्खनन

बिजुरी पुलिस के लिए यह भी एक जांच का विषय है कि उक्त मामले में संलिप्त वाहन की ट्रेक्टर ट्राली का पंजीयन कृषि कार्य के लिए है या कामर्सियल उपयोग के लिए है। दूसरी बात वाहन रेत चोरी में संलिप्त थे या रांत के अंधेरे में मुरुम चुरा रहे थे। चूंकि वाहन मालिकों ने अपनी शिकायत में ही मिट्टी और मुरुम ढुलाई लिखे है। बहरहाल हकीकत क्या है यह तो बिजुरी पुलिस के लिए जांच का विषय है घटना अवैध रेत चोरी व परिवहन करते पकड़े जाने से ही विवाद की स्थिति निर्मित हुई। या मिट्टी मुरुम ढुलाई कर खाना खाते समय यह तो जांच उपरांत ही पता चलेगा। बहरहाल ग्रामवासियों की माने तो बैहाटोला व कटकोना घाट से अवैध रेत उक्तखन्न की कई बार पुलिस को सूचना देने के बाद भी अभी तक पुलिस ने इन रेत माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं कि इसका जवाव बिजुरी पुलिस ही दे सकती है।

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