जबलपुरमध्य प्रदेश

अब नहीं चलेगी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी : पुस्तकें, गणवेश किसी विशेष दुकान से खरीदने नहीं कर सकेंगे बाध्य, फीस का देना होगा व्यौरा

कलेक्टर इलैयाराजा टी ने आदेश किया जारी

जबलपुर, यशभारत। शहर की निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने कलेक्टर इलैयाराजा टी ने आदेश जारी किया है। जिसके चलते सभी अशासकीय मान्यता प्राप्त स्कूल छात्रों के उपयोग में आने वाली पुस्तकें प्रकाशक का नाम सहित तथा प्रत्येक कक्षा में ली जाने वाली विद्यालय शुल्क की सूची अब स्कूल के सूचना पटल पर प्रदर्शित करेंगे।

जानकारी अनुसार प्राइवेट स्कूलों में पुस्तकों और गणवेश को लेकर की जाने वाली भर्राशाही किसी से छुपी नहीं है। जिसपर लगाम लगाने के लिए कलेक्ट ने उक्त आदेश जारी किया है। जिसके तहत प्राइवेट स्कूल के संस्था प्रमुख किसी भी छात्रा या अविभावक को इस बात के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे कि पुस्तकों का पूरा सेट ही लेना पड़ेगा। जिस को जितनी पुस्तकें चाहिए उसे उतनी ही दी जावेंगी। साथ ही किसी विशेष दुकान से शिक्षण सामग्री लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।

शिकायत पर होगी कार्रवाई

आदेश में कहा गया है कि सभी विद्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर को तीन दिन में स्कूलों में उपयोग होने वाली पुस्तकों की सूची तथा कक्षा में ली जाने वाली फीस का पूरा विवरण जमा करेंगे। इतना ही नहीं इस संबंध में यदि किसी पुस्तक विक्रेता या स्कूल के संस्था प्रमुख की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो जिला प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

छात्रों से छेड़छाड़ पर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रीय अनुसूचति जाति जनजाति युवा संघ ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया कि 7 मार्च 2022 को ज्ञानोदय आवासीय बालिका छात्रावास में घटना घटित हुई है जिससे आज भी छात्राओं के हृदय में डर बना हुआ है। जिम्मेदार प्राचार्य व अधीक्षक उक्त घटना की लीपापोती करने में जुटे हुए है। स्कूल प्राचार्य बालक छात्रावास अधीक्षक अपने छात्रो को स्वाभीमानता एवं शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया गया होता तो शायद यह वारदात को अंजाम नही देते। रात्रि में छात्राओं के छात्रावास में प्रवेश करने साथ ही उनसे छेडछाड़ संबंधी शिकायत जिम्मेदारों द्वारा थाना में दर्ज नही कराई जा सकी। प्रभारी प्रायार्य द्वारा विद्यायल के ही शिक्षकों की जांच कमेटी गठित कर खानापूर्ति की जा रही है। आज भी प्रभारी प्राचार्य अपने आवंटित क्वॉटर में निवास नहीं करते, रोजाना लगभग 20-25 कि.मी. दूरी तय कर विद्यालय पहुंचते है। संघ ने मांग की है कि बालिका छात्रावास में घटित घटना की जांच उच्च अधिकारियों से कराई जावे व जिम्मेदारों को तत्काल दायित्यों से हटाया जावे। जिससे बालिकाओं के हृदय से डर खत्म हो सके।

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