जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

अधिवक्ताओ से नियम विरुद्ध बसूल की जा रही अधिवक्ता कल्याण निधि को चुनौती देने बाली जन याचिका मे राज्य अधिवक्ता परिषद को रजिस्ट्री करे नोटिस जारी : हाईकोर्ट !

जबलपुर  ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन नामक संस्था द्वारा हाईकोर्ट मे हाईकोर्ट के विरुद्ध एक जन हित याचिका क्रमांक 14535/2022 दायर करके हाईकोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा विगत कई वर्षो से नियम विरुद्ध अधिवक्ताओ से अधिवक्ता कल्याण निधि बसूल किए जाने को चुनौती दीं गई है ! याचिका मे उल्लिखित किया गया है की मध्य प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम 1982 की धारा 19 के तहत एक अधिवक्ता पत्र पर शासन द्वारा निर्धारित अधिवक्ता कल्याण निधि रू. 100/- का टिकिट चस्पा किया जाएगा चाहे एक अधिवक्ता पत्र पर कितने भी पक्षकारो के तथा कितने ही अधिवक्ताओ के हस्ताक्षर क्यों न हो ! लेकिन जबलपुर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा विगत कई वर्षो से अनुच्छेद 226 के तहत प्रस्तुत की जाने बाली याचिका मे यदि सामान राहत के लिए एक से अधिक पक्षकारो द्वारा अधिवक्ता पत्र पर हस्ताक्षर करने पर पक्षकारों की संख्या के गुणक से अधिवक्ता कल्याण निधि के टिकिट चस्पा करवाए जाते है अन्यथा उक्त याचिका डिफाल्टर मे डाल दीं जाती है जबकि इंदौर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा पक्षकारो के अनुपात मे अधिवक्ता कल्याण निधि के टिकिट चस्पा नहीं करना पड़ता है ! उक्त याचिका की सुनवाई जस्टिस शील नागु तथा जस्टिस वीरेंदर सिंह की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई ! अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह ने कोर्ट को बताया की हाईकोर्ट द्वारा जबाब दाखिल किया जा चुका है जिसमे हाईकोर्ट ने किसी भी नियम का उल्लेख अपने जबाब मे नहीं किया है की हाईकोर्ट की रजिस्ट्री किस नियम के अंतर्गत अधिवक्ताओ से मल्टीपल AKN (अधिवक्ता कल्याण निधि ) ली जा रही है तथा कोर्ट को यह भी बताया गया की इंदौर, ग्वालियर तथा जबलपुर की रजिस्ट्री हाईकोर्ट के नियम 2008 से संचालित होती है फिर भी एक हाईकोर्ट मे एक दो तरह के अलग अलग नियम नहीं हो सकते ! उक्त याचिका मे लम्बी बहस के बाद हाईकोर्ट ने पाया की याचिका मे स्टेट बार कॉन्सिल भी पक्षकार है जिसे नोटिस तमिली के बाबजूद भी न तो कोई अधिवक्ता उपस्थित है और न ही कोई जबाब दिया गया है ! तब हाईकोर्ट ने रजिस्ट्री को निर्देशित करके बार कॉन्सिल को नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया तथा अगली सुनवाई 27/02/23 नियत की गई है ! याचिका कर्ता एसोसिएशन की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह ने की !

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