जबलपुरमध्य प्रदेश

जोखिम में जान : अनफिट होने के बावजूद धड़ल्ले- से चलाये जा रहे जिले में यात्री वाहन

 

मंडला। आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला की सड़कों में अनफिट वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। जिससे दुर्घटनाओं की हमेशा अशंका बनी रहती है। अनफिट और जर्जर वाहनों से यात्री परेशान हैं। जबकि मंडला आरटीओ विभाग ओवर लोडिंग, बिना फिटनेस, अनफिट वाहनों पर कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन वाहन संचालक हैं कि सुधरने को तैयार ही नहीं। यहां तक की यात्री बसें भी रास्ते में ही खराब हो रहीं हैं। कई बसों पर तो परिवहन विभाग के नियमानुसार फास्ट एण्ड बॉक्स और अग्रि शामक यंत्र तक नहीं है।

जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय से ग्रामीण अंचल समेत अन्य जिलों में चलने वाले सैकड़ों छोटे-बड़े यात्री वाहन अनफिट होने के चलते यात्रियों की जान से खिलावड़ करते हुए दौड़ रहे हैं। अनफिट और भंगार यात्री वाहनों और बसों के चलते कई बार यात्रियों की जान पर बन आती है। बावजूद इसके जिम्मेदार इन यात्री वाहनों को नहीं रोक पा रहे हैं। सरकार द्वारा भले ही जनहित को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए जाते हो, लेकिन इनके पालन में लापरवाही बरती जाती है, जिसका खामियाजा यात्री वाहनों में सवार करने वालों को भुगतना पड़ता है। ऐसे ही लापरवाही के नजारे मंडला जिले के बसों व अन्य यात्री वाहनों के संचालन में देखने को मिलते है।

बता दे कि जिला मुख्यालय से कई रूटों पर चलने वाली बसों की हालत बहुत खराब हो चुकी है। बावजूद इसके इन्हें रंग-रोगन कर चलाया जा रहा है। बस संचालकों द्वारा परिवहन विभाग के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। शहर से ग्रामीण क्षेत्रों और अन्य जिलों में चलने वाली कई बसें कंडम अवस्था में पहुंच गई है। इसके बाद भी यह तेजी से सड़कों पर दौड़ रही है। इनमें सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी तो उठानी ही पड़ती है, इसके साथ ही यात्रियों को जान का खतरा भी बना रहता है। नेशनल हाईवे 30 मार्ग और स्टेट हाईवे में चलने वाले यात्री वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी को बैठाया जा रहा है। बड़े वाहनों के अलावा अन्य छोटे यात्री वाहन भी कंडम स्थिति में होने के कारण सड़कों पर दौड़ते है, जो फिटनेस के कारण हादसों का सबब बनते है।

कागजों में फिट होकर दौड़ रहे वाहन

बताया गया कि जिले के अधिकत्तर छोटे, बड़े सभी यात्री वाहनों को परिवहन विभाग से फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है, लेकिन इस नियम का पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है। दो पहिया वाहनों से लेकर बड़े वाहनों तक की फिटनेस के लिए मानक तय किए गए हैं। लेकिन मानकों का कोई पालन नहीं कर रहा है। जिसके कारण हादसों का अंदेशा हमेशा बना रहता है। जर्जर वाहनों और बिना फिटनेस वाले वाहनों से यात्रियों की जान सकते में रहती है।

वाहनों में हो रही ओवर लोडिंग

जिला मुख्यालय से ग्रामीण अंचलों समेत अन्य जिलों की तरफ रोजाना सैकड़ों यात्री वाहन संचालित हो रहे है। इन वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी बैठाया जा रहा है। ज्यादा कमाने के चक्कर में यात्री वाहन लोगों को ठूंस कर और पीछे लटका कर ले जाते हैं। कई बार हादसे हो चुके हैं। जिसमें लोग असमय काल के गाल में समा गए है। बावजूद इसके यात्री वाहन संचालकों को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

जबलपुर से मंडला मार्ग में सैकड़ों यात्री वाहनों की आवाजाही होती है। इन वाहनों में भी अधिकत्तर वाहन अनफिट हाईवे में दौड़ रहे है। ऐसे वाहनों पर लगाम नहीं लग पा रही है। जिसके कारण यात्रियों की जान खतरे में है। गुरुवार की शाम करीब 05 बजे एक घटना घटित हुई। जिससे बस में बैठे यात्रियों की सांसे रुक गई। मंडला जबलपुर मार्ग स्थित नारायणगंज के पास बाबादेवरी में एक बड़ा हादसा टल गया। वाहन में करीब 20 अधिक यात्री सवार थे। यदि हादसा हो जाता तो बड़ी घटना घटित हो जाती। लेकिन ईश्वर का शुक्र था कि घटना घटित होने से बच गई।

जानकारी अनुसार जबलपुर से एक यात्री वाहन मंडला जाने के लिए रवाना हुई, जो नारायणगंज होते हुए मंडला जा रही थी। इसी दौरान नारायणगंज से निकलते हुए यात्री बस बाबादेवरी घाट पहुंची। जहां किसी ने बस के चालक को बताया कि बस के एक चक्का के सभी नट बोल्ट निकल चुके है, सिर्फ एक नट बोल्ट में बस चल रही है। गनीमत रही कि समय रहते इसकी करी लग गई । यदि पता नहीं चलता तो बस में बैठे यात्री के साथ कुछ भी हो सकता था।

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