E-Paperखेलबिज़नेसमध्य प्रदेशलाइफ स्टाइलविडियो

ज़ोमैटो का 15 मिनट में खाना पहुँचाने का सेवा ‘क्विक’ बंद, ‘एवरीडे’ भी नहीं रहा

ज़ोमैटो के मुनाफे में भारी गिरावट आई।

नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो ने अपनी हाल ही में शुरू की गई 15 मिनट में खाना पहुँचाने की सेवा ‘क्विक’ को बंद कर दिया है। कंपनी ने इसके साथ ही अपनी होमली-मील सर्विस ‘ज़ोमैटो एवरीडे’ को भी बंद करने का फैसला किया है।download 7

ज़ोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी को ‘क्विक’ और ‘ज़ोमैटो एवरीडे’ के लिए ग्राहक अनुभव से समझौता किए बिना लाभप्रदता का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेस्टोरेंट घनत्व और किचन इंफ्रास्ट्रक्चर 10 मिनट में ऑर्डर डिलीवर करने के लिए तैयार नहीं है, जिससे ग्राहक अनुभव में असंगति आती है।

‘ज़ोमैटो एवरीडे’ के बारे में गोयल ने कहा कि कंपनी को मेट्रो शहरों में ऑफिस लोकेशन के बाहर इसका कोई खास इस्तेमाल नहीं दिखा, जिससे निवेश पर रिटर्न सीमित रहा और इसे बड़े पैमाने पर संचालित करना संभव नहीं था।

गौरतलब है कि ‘क्विक’ सेवा को इस साल जनवरी में ही लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य 1.5-2 किलोमीटर के दायरे में स्थित रेस्टोरेंट से तैयार भोजन पहुंचाना था। ज़ोमैटो ने इस क्षेत्र में अपने प्रतिस्पर्धियों स्विगी और जेप्टो के बाद प्रवेश किया था, जो इस सेवा के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

दूसरी ओर, ज़ोमैटो का होमली-मील सर्विस ‘ज़ोमैटो एवरीडे’, पहले ‘ज़ोमैटो इंस्टेंट’ के नाम से जाना जाता था, जिसे 2022 में बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर में 10 मिनट की डिलीवरी के वादे के साथ लॉन्च किया गया था, लेकिन इसे जनवरी 2023 में बंद कर दिया गया था।

download 5 1

ज़ोमैटो की मूल कंपनी इटर्नल के वित्तीय नतीजों की बात करें तो Q4 FY25 में कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 77.8% गिरकर ₹39 करोड़ हो गया। इसका मुख्य कारण ब्लिंकिट के नुकसान में वृद्धि थी।

कंपनी ने यह भी बताया कि ज़ोमैटो के फूड डिलीवरी के सीईओ राकेश रंजन ने दो साल के कार्यकाल के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और फिलहाल गोयल अंतरिम रूप से इस जिम्मेदारी को संभालेंगे।download 6

ज़ोमैटो के Q4 के सुस्त नतीजे खाद्य वितरण क्षेत्र में मंदी को दर्शाते हैं। हालांकि, कंपनी का समायोजित एबिटा सालाना आधार पर 56% बढ़कर ₹428 करोड़ हो गया, लेकिन समायोजित राजस्व में केवल 17% की वृद्धि हुई, जो ₹2,409 करोड़ रहा। डिलीवरी संख्या के मामले में, तिमाही के दौरान औसत मासिक लेनदेन करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या मामूली रूप से बढ़कर 20.9 मिलियन हो गई, जो पिछली दिसंबर तिमाही में 20.5 मिलियन थी। नेट ऑर्डर वैल्यू (एनओवी) की वृद्धि भी सालाना आधार पर 14% पर सुस्त रही, जो 20% की विकास दर के अनुमान से काफी कम है। कंपनी ने डिलीवरी पार्टनर्स की कमी, क्विक कॉमर्स द्वारा फूड डिलीवरी वर्टिकल का कैनाबलाइजेशन और सुस्त मांग को इस सेगमेंट में मंदी के मुख्य कारण बताया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WhatsApp Icon Join Yashbharat App
Notifications Powered By Aplu