YASHBHARAR EXCLUSIVE : एड्स एक लाइलाज बीमारी : 11 वर्ष में 70 हजार 744 जांचे, 721 मिले एड्स पाजीटिव

मंडला| एड्स एक लाइलाज बीमारी है, इस बीमारी में व्यक्ति के अंदर रोग से लडऩे की क्षमता कम हो जाती है एवं व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ता है। जिले में पिछले 11 सालों में एड्स रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिले में वर्ष 2013 से अक्टूबर 2024 तक इन 11 वर्षो में 70 हजार 744 पुरूष, महिला और गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। जिसमें 721 एड्स रोगी सामने आए है। समय के साथ परिस्थितियां भी बदली है। एड्स के कारण और निवारण के प्रति लोग जागरूक हुए है।
जिसके चलते साल दर साल एड्स की जांच के मामलों में वृद्धि हुई है। यही वजह है कि एड्स रोगी सामने आ रहे है। वर्ष 2013 में 5542 एड्स की जांच की गई। जिसमें 1923 पुरूषों और 771 महिलाओं ने एड्स की जांच कराई। जिसमें 34 पुरूष एवं 10 महिलाएं पॉजीटिव निकली। इसी तरह वर्ष 2013 में गर्भवती स्त्रियों की जांच की गई, जिसमें 2848 गर्भवती महिलाओं में से 12 पॉजीटिव निकली। वर्ष 2013 का आंकड़ा वर्ष 2019 में बढ़ गया। वर्ष 2019 में 9415 जांच की गई। जिसमें 1343 पुरूष, 2737 महिलाएं और 5335 गर्भवती महिलाओं ने एड्स की जांच कराई। जिसमें 33 पुरूष, 34 महिलाएं और 09 गर्भवती महिलाएं पॉजीटिव आई। इसी तरह वर्ष 2021 में जांचों का आंकड़ा 6739 रहा। जिसमें 43 पुरूष, 25 महिला और 04 गर्भवती महिलाएं पॉजीटिव आई। एड्स के मरीजों को समय समय में चिकित्सी सलाह एवं उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। एड्स से बचने के उपाय भी लोगों को बताए जा रहे है। बताया गया कि प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करना है। जागरूकता के तहत लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और इसके साथ ही जागरूक करने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं जिससे इस महामारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें। साथ ही एचआईवी एड्स से ग्रसित लोगों की मदद की जा सकें।
34 हजार 815 गर्भवती की जांच, 72 पॉजीटिव
वर्ष 2013 से अक्टूबर 2024 तक 34 हजार 815 गर्भवती महिलाओं की जांच की गर्ई। इन 11 वर्षो में जांच के दौरान 72 महिलाएं एचआईवी पॉजीटिव आई। एचआईवी जांच में पुरूष वर्ग व महिला वर्ग से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। शासकीय अस्पताल में आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला की एचआईवी जांच की जाती है। इन 11 वर्षो में वर्ष 2013 में 12 गर्भवती महिला पॉजीटिव थी, जिसके बाद आंकड़े कम होते गए। वर्ष 2018 में 5 गर्भवती महिला पॉजीटिव आई। जिसके बाद इन आंकड़ों की रफ्तार बढऩे लगी। वर्ष 2019 में 09 केस, वर्ष 2020 में 10 केस, वर्ष 2021 में 04 केस और वर्ष 2022 अक्टूबर तक 09 पॉजीटिव केस के बाद यह आंकड़ा वर्ष 2023 में एक बार फिर कम हो गया और यह आकंड़ा 4 में आकर रूक गया, लेकिन इस वर्ष एक बार फिर पॉजीटिव केस का आंकड़ा पिछले रिकार्ड तोड़ सकता है, क्योंकि अक्टूबर 2024 तक पॉजीटिव केस का आंकड़ा 07 को हो गया, जिसमें 07 गर्भवती महिलाएं पॉजीटिव मिली है। अप्रैल 2025 तक यह आंकड़ा बढऩे की उम्मीद है।
वर्ष 2022 में 92 एचआईवी पॉजीटिव
11 वर्षो में वर्ष 2013 से 2022 तक 611 एचआईवी पॉजीटिव केस मिले है। वर्ष 2013 में 56 केस मिले, जिसके बाद यह आंकड़ा वर्ष 2014 से 2017 तक 30 से 50 के बीच रहा। लेकिन वर्ष 2018 से संक्रमितों की संख्या में एक दम से बढ़ोत्तरी हुई। जिसमें 2018 में 8793 जांच करने के बाद 74 एचआईवी संक्रमित केस मिले। इसी तरह 2019 में 9415 व्यक्तियों की जांच में 76 केस निकले। यह आंकड़ा कम होने के वजाए फिर बढ़ा और 2020 में 6093 जांच में 79 पॉजीटिव, वर्ष 2021 में 6739 जांच में 72 पॉजीटिव और वर्ष 2022 में 6003 जांचोंं में 92 पॉजीटिव केस, वर्ष 2023 में 4056 जांच में 72 केस और वर्ष 2024 में अक्टूबर 2024 में 3024 जांचों में 38 केस सामने आए। वर्ष 2022 में 92 पॉजीटिव केस का यह आंकड़ा पूरे 11 सालों में सबसे ज्यादा रहा।