बुरहानपुर में महिलाओं ने गोबर से बनाई टिकाऊ चप्पलें: आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनूठा प्रयास
शाहपुर में 5 दिवसीय कार्यशाला में महिलाओं ने सीखी 100 से अधिक उत्पाद बनाने की तकनीक, चप्पलों की मजबूती ने सबको किया हैरान


गोबर से बनी चप्पलों की मजबूती ने किया प्रभावित
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं ने गोबर से बनी चप्पलों की मजबूती और टिकाऊपन को देखकर आश्चर्यचकित हो गईं। इन चप्पलों की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि वे वर्षों तक उपयोग की जा सकती हैं। इससे महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनने का मार्ग मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देने का अवसर प्राप्त हुआ है।
विधायक अर्चना चिटनिस और नगर परिषद अध्यक्ष साधना तिवारी की पहल
इस कार्यशाला का आयोजन बुरहानपुर विधायक अर्चना चिटनिस और शाहपुर नगर परिषद अध्यक्ष साधना तिवारी के सहयोग से किया गया। भोपाल से आए प्रशिक्षक जीतेंद्र राठौर ने महिलाओं को गोबर से उत्पाद बनाने की तकनीक सिखाई। कार्यशाला में महिलाओं को यह भी बताया गया कि सीमित संसाधनों के बावजूद सही मार्गदर्शन से वे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकती हैं।
गोबर शिल्प उत्पाद: आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण का संगम
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बताया कि गोबर शिल्प उत्पादों का बाजार में अच्छा मूल्य मिलता है, जिससे महिलाएं अपने घर से ही यह व्यवसाय प्रारंभ कर सकती हैं। यह प्रशिक्षण न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि गोवंश संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। प्लास्टिक के विकल्प के रूप में यह जैविक उत्पाद भविष्य के लिए एक सशक्त समाधान प्रदान करते हैं।
महिलाओं की प्रतिक्रिया
प्रशिक्षण से उत्साहित महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि गोबर जैसे साधारण पदार्थ से इतनी सुंदर और उपयोगी चीजें बनाई जा सकती हैं। अब वे इन उत्पादों को बाजार में बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।