जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

दिल्ली में किसकी सरकार? Exit Poll के आंकड़े भूल जाइए, वोटिंग प्रतिशत से समझिए जमीनी सच्चाई

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

दिल्ली चुनाव में मतदान के बाद अब एक ही सवाल चर्चा में है कि आखिर मतदाताओं ने इस बार किसका खेल किया? वो भी इसलिए क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं ने 2025 के इस चुनाव में जमकर मतदान किया है.

 

चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 6 बजे तक 60.42 प्रतिशत मतदान हुआ है. दिल्ली में पिछली बार 62.80 प्रतिशत मतदान हुआ था.

मतदान में बढ़ोतरी, क्या है सियासी ट्रेंड?

1. 5 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ने पर बदली सरकार- दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी. 2003 में 4.43 प्रतिशत, 2008 में 4.1 प्रतिशत, 2013 में 8 प्रतिशत और 2015 में करीब 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी.

 

2013 छोड़ दिया जाए तो वोट बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ. हालांकि, सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई. 2003 में 4.4 प्रतिशत वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई. 2008 में 4.1 प्रतिशत वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई.

2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई. वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ. 2015 में 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ कर 67 पर पहुंच गई.

हालांकि, इस बार जिस तरीके से वोट बढ़े हैं, उससे आम आदमी पार्टी की सीटों की संख्या में कमी के संकेत है. दो दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने खुद 55 सीटों पर जीत का दावा किया था. 2020 में आप को दिल्ली की 62 सीटों पर जीत मिली थी.

2. झारखंड और महाराष्ट्र में अलग ही गेम- दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव हुए हैं. इन दोनों ही राज्यों के विधानसभा चुनाव के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई. दिलचस्प बात है कि दोनों ही राज्यों में सत्ताधारी दल की वापसी हो गई.

मसलन, झारखंड में 2024 के चुनाव में 2019 के मुकाबले 3 प्रतिशत ज्यादा मतदान हुआ. यहां पर हेमंत सोरेन गठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिली. 2024 में हेमंत गठबंधन के पास 47 सीटें थी.

इसी तरह महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में करीब 4 प्रतिशत ज्यादा वोट पड़े. 2019 में महाराष्ट्र में 62 प्रतिशत वोट पड़े थे. महाराष्ट्र में ज्यादा वोट का सीधा फायदा महायुति गठबंधन को हुआ. महायुति गठबंधन को विधानसभा चुनाव में 236 सीटों पर जीत मिली. महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं.

दोनों ही राज्यों में सत्ता वापसी की वजह महिला वोटर्स को माना गया. दिल्ली में भी महिलाओं के लिए कई लोक-लुभावन वादे किए गए हैं. कहा जा रहा है कि अगर इन वादों का असर होता है तो इसका सीधा फायदा सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को होगा.

3. मुस्लिम बहुल इलाकों में वोटरों का क्रेज- सीलमपुर और मुस्तफाबाद में सबसे ज्यादा वोट डाले गए हैं. दोनों ही सीटों पर सुबह से मतदाताओं में वोट डालने का क्रेज देखा गया. सीलमपुर और मुस्तफाबाद सीट पर पिछली बार आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. इस बार दोनों ही जगहों पर आप को तगड़ी चुनौती मिलती दिख रही है.

मुस्तफाबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के कैंडिडेट ताहिर हुसैन मैदान में हैं. बीजेपी की तरफ से मोहन सिंह विष्ट चुनाव लड़ रहे हैं. आप ने यहां से पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे आदिल को टिकट दिया है.

सीलमपुर में चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबेर उम्मीदवार हैं. यहां से बीजेपी ने अनिल गौर और कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को टिकट दिया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Notifications Powered By Aplu