जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

शंभू बॉर्डर कब खुलेगा? सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से जगी एक बड़ी उम्मीद

फसलों की एमएसपी की गारंटी और कई अन्य मांगों के लिए किसान पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. इस कारण यह बॉर्डर लंबे समय से बंद है. इस साल फरवरी महीने में जब पंजाब के किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था तब उन्हें रोकने के लिए शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड लगा दिए थे. तभी से यहां किसान धरने पर बैठे हैं. उनके आंदोलन के कारण यह बॉर्डर बंद बीते फरवरी माह से ही बंद है. इससे दोनों राज्यों के बीच आवागम में भारी परेशानी हो रही है.

अब इस बॉर्डर को खुलवाने का मसले सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले को सुलझाने लिए कमेटी बनाने को कहा था. कमेटी के लिए पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों को सदस्यों के नाम देने थे. अब ये नाम आ गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाए गए नामों पर संतुष्टि जताते हुए सोमवार को कहा कि वह राज्य सरकारों की तरफ से किए गए इस गंभीर प्रयास की सराहना करते हैं. किसानों के द्वारा हाईवे पर ट्रैक्टर, ट्राली आदि खड़ा करने पर टिप्पणी करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं हैं. कोर्ट ने दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों को भी समाधान निकालने को कहा.

समाधान का रास्ता निकाले पुलिस अधिकारी
शीर्ष अदालत ने कहा कि बिना किसी को परेशान किए अगर कोई रास्ता निकलता है तो प्रयास होना चाहिए. पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बैठक कर ज़रूरी सेवाओं के लिए एक लेन खोलने पर बातचीत कर सकते हैं.

शंभू बॉर्डर अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर है. किसानों के प्रदर्शन की वजह से इस हाइवे पर आवागम प्रभावित है. हाईवे से अवरोधक हटाने का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा था. हाईकोर्ट ने सात दिन के भीतर इस हाईवे को खोलने का आदेश दिया था. लेकिन, हरियाणा सरकार ने राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर यह बॉर्डर नहीं खोला.

फिर यह मामला सु्प्रीम कोर्ट पहुंचा. रिपोर्ट के मुताबिक आज भी करीब 400 से 500 किसान शंभू बोर्डर के उस पार पंजाब के इलाके में बैठे हैं. हरियाणा सरकार को अंदेशा है कि अगर बॉर्डर को खोला गया तो बड़ी संख्या में किसान धरना प्रदर्शन के लिए दिल्ली की ओर बढ़ सकते हैं. इससे कानून-व्यवस्था की परेशानी पैदा हो जाएगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button