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40 गाड़ियों वाली ‘बारात’ की पोल खुली तो उड़ गए लोगों के होश, जानें क्या था मामला?

 बिहार के पुर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र में आमोदेई गांव के पास नेशनल हाईवे स्थित रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड नामक राइस मिल पर बुधवार की शाम इनकम टैक्स और ईडी की छापेमारी हुई। छापेमारी करने आई इनकम टैक्स और ईडी ने गाड़ी भी बारात के रूप में सजा रखी थी और दूल्हे का नाम गाड़ी के पोस्टर पर अभिनाश संग नेहा छपा हुआ था।

वहीं, चावल मिल का दरवाजा नहीं खोला जा रहा था, जिसको लेकर एसएसबी के जवानों में गेट के पास तैनात प्राइवेट कांस्टेबल से झड़प भी हुई। फिर दरवाजा खोल इनकम टैक्स और ईडी ने राइस मिल के अंदर दाखिल हुए। राइस मिल के दफ्तर से लेकर मिल की हर जगह पर छापा मारा।

वहीं, छापेमारी के समय कोई ED या IT पदाधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं थे, लेकिन गाड़ी के ड्राइवर और मौजूद लोगों में चर्चा थी कि टैक्स चोरी मामले को लेकर छापेमारी की गई है।

कब हुई थी मिल की स्थापना

आपको बता दें, मिल की स्थापना 2016 में हुई थी, जिसके बाद मिल मालिकों के दिन दोगुना रात चौगुना की वजह से पूरा इलाका हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। ऐसी स्थिति में इनकम टैक्स के मामले को लेकर नाटकीय ढंग से छापेमारी हुई, जिसके बाद भारी IT टैक्स का खुलासा हो सकता है।

हालांकि, रिपुराज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड के मालिक रामेश्वर गुप्ता के पिता पूर्व रक्सौल में गुप्ता डीजल्स नामक छोटा सी दुकान के साथ रिलायंस टेलीकॉम का काम करते थे। इसके बाद में रिपुराज ने 2016 में राइस मिल की स्थापना की, जिसके बाद थोड़े ही समय में राइस मिल में हाफ और फूल बॉयल के साथ महंगे चावल का उत्पादन शुरू कर देश-विदेश में सप्लाई शुरू हुई।

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