सीनियर आईएएस नेहा मराव्या की जाँच रिपोर्ट पर क्या कार्यावहीं की है जबाब दाखिल करे : हाईकोर्ट

जबलपुर:- मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के हेड रिटायर्ड आईएफएस ललित मोहन बेलबाल तथा स्टेट प्रोजेक्ट मैनिजर सुषमा रानी शुक्ला की फर्जी दस्तावेजों के आधार पर की गई नियुक्ति को चुनौती सहित आजीविका मिशन मे 2016 से 2021 तक किए गए बिभिन्न घोटालो को विसलबिलोबर भूपेंद्र कुमार प्रजापति ने उजागर किया है जिसमे प्रमुख माइक्रो बीमा घोटाला, नियुक्तियों मे घोटाला, अगरबत्तीय मशीनो की खरीद मे घोटाला, स्कूल ड्रेसो मे घोटाला सहित कई प्रकार से हजारों करोड़ का घोटाला ललित मोहन बेलबाल, सुषमा रानी शुक्ला सहित, एक आईएएस प्रयंका दास सहित कई अधिकारी तथा कर्मचारियों इस घोटाले मे शामिल है ! उक्त आलाधिकारियो द्वारा राष्ट्रीय आजीविका मिशन का प्रमुख उद्देश्य गरीबी हटाना है तथा ग्रामीण स्तर पर स्वसहायता समूहों के माध्यम से रोजगार प्रदान करना है इस हेतु भारतीय रिजर्व बैंक तथा विश्व बैंक आर्थिक मदद करती है! मध्य प्रदेश मे लगभग 46 हजार से अधिक स्व सहायता समूह कार्यरत है जिसमे लगभग 3.45 लाख महिलाए शामिल है! उक्त सभी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित होते नियमनुसार आजीविका मिशन का प्रदेश हेड सीनियर आईएएस को नियुक्त किए जाने का प्रावधान है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नियम विरुद्ध रिटायर्ड आईएफएस ललित मोहन बेलबाल को नियुक्त किया गया है इन सभी मुद्दों को लेकर हाईकोर्ट मे भूपेंद्र कुमार प्रजापति ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक शाह के माध्यम से याचिका दाखिल की गई है ! उक्त याचिका की आज दिनांक 09/02/23 को जस्टिस शील नागु तथा जस्तीस वीरेंदर सिंह की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई ! सुनवाई के दौरान कोर्ट को सीनियर आईएएस दिव्या मराव्या द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट से अवगत कराया गया ! हाईकोर्ट द्वारा उक्त रिपोर्ट को बेहद गंभीरता से लिया जाकर आदेशित किया की जाँच रिपोर्ट को याचिका का अहम भाग बनाने हेतु एक संशोधन आवेदन दाखिल किया जाए ! तथा हाईकोर्ट ने शासन को निर्देशित किया है की उक्त जाँच रिपोर्ट पर क्या शासन द्वारा दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है जबाब दाखिल करे !