विवेक कृष्ण तन्खा की सीएम मोहन यादव को चिट्ठीः बेटी मेघा का नाम विक्रम अवार्ड के लिए छूटा है….

भोपाल , यशभारत। राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को चिट्ठी लिखी है जिसमें माउंट एवरेस्ट में तिरंगा फहराने वाली बेटी मेघा को विक्रम अवार्ड के लिए नामांकित किए जाने को लिखा गया है।….
आईये पढ़ते…. चिटठी में क्या.. लिखा
आपके संज्ञान में मैं मध्यप्रदेश की बेटियों के गौरव को प्रोत्साहित करने वाला एक महत्वपूर्ण विषय लाना चाहता हूँ। हाल ही में साहसिक खेलों में विक्रम अवॉर्ड के लिए जो नॉमिनेशन हुए हैं, उनमें हमारे प्रदेश की एक बेटी मेघा परमार का नाम इस महत्वपूर्ण अवॉर्ड के लिए चयनित होने से किसी कारणवश छूट गया है, जबकि जिन दो बेटियों ने 22 मई 2019 को दुनिया की सबसे ऊंची छोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था, उनमें मेघा परमार प्रथम थी जबकि भावना डहरिया ने एवरेस्ट समिट पूर्ण करने में मेधा से करीब 5 घंटे का समय ज्यादा लिया था। एवरेस्ट समिट में दुद्वितीय क्रम पर आने वाली बेटी भावना का चयन म.प्र. सरकार द्वारा विक्रम अवॉर्ड के लिए कर लिया गया है, यह अच्छी बात है, किंतु प्रथम आने वाली बेटी मेधा को अवॉर्ड के लिए नामित न किया जाना इस बेटी के साथ-साथ प्रदेश के लाखों लोगों की भावना को ठेस पहुंचाना है। मेघा के लिए विक्रम अवार्ड पाने का नामांकन प्रक्रिया के अनुसार यह अंतिम अवसर है। यह बात भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश में संचालित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में मेधा परमार को ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया था और अब भावना को यह अवसर मेधा के बाद हासिल हुआ। दोनों ही हमारे प्रदेश की शान और धरोहर हैं।
पूर्व में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस अवार्ड के लिए अपनाई गई चयन प्रक्रिया भी एक उदाहरण के रूप में सामने हैं। प्रदेश के युवा पर्वतारोही भगवान सिंह और रत्नेश जी के बीच इस समिट को कंपलीट करने में एक दिन का अंतर था। सरकार ने एमपी का गौरव बढ़ाने वाले दोनों व्यक्तित्वों को विक्रम अवॉर्ड प्रदान कर उनका सम्मान बढ़ाया था। प्रतिभाओं के प्रोत्साहन और नारी सम्मान के मामले में मध्यप्रदेश अत्यंत संवेदनशील प्रदेश है। जनमानस में बेटियों के लिए यहाँ बहुत आदर और सम्मान है।
जानकारी मिली है कि आगामी 12 जून 2025 को यह अवॉर्ड प्रदान किया जाना है, परन्तु मेघा को विक्रम अवार्ड के लिए नामांकित न किया जाना काफी दुखद है और इससे प्रदेश के खिलाड़ियों में भारी निराशा का भाव है। बेटियों के प्रति आपकी संवेदनशीलता कई अवसरों पर सामने आई है इसीलिए आपसे मेरा अनुरोध है आप मेरी बात अन्यथा न लेते हुए प्राथमिकता के आधार पर इस विषय को विधार में लाएंगे और विशाल हृदय के साथ बेटी मेघा परमार के साथ न्याय करते हुए प्रतिभाओं के सम्मान की रक्षा करेंगे।