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वृद्धावस्था में जीवन की सुरक्षा साबित होगी यूपीएस कर्मचारी नेताओं ने कहा- केंद्र की पहल स्वागत योग्य, राज्य सरकार भी करे घोषणा

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जबलपुर/कटनी  यशभारत

केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले को कर्मचारी नेताओं ने स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा है कि वृद्धावस्था के समय जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। केंद्र के बाद अब राज्य सरकारों को भी अपने यहां इसे लागू करने की घोषणा करना चाहिए। गौरतलब है कि यूपीएस योजना एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। इसका फायदा 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को होगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार, को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दी गई। क्कस् एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। कर्मचारियों के पास क्कस् या हृक्कस् में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने का ऑप्शन रहेगा। राज्य सरकार चाहें तो वे भी इसे अपना सकती हैं। अगर राज्य के कर्मचारी शामिल होते हैं, तो करीब 90 लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होगा। इस बारे में यशभारत ने वरिष्ठ कर्मचारी नेताओं से चर्चा कर उनकी राय जानी।
केंद्र सरकार द्वारा यूपीएस की घोषणा कर्मचारी जगत के लिए बड़ा निर्णय हैं 2005 के बाद से पेंशन का लाभ बंद हो चुका था। जिन्हें 1500 से 2000 रुपए पेंशन के रूप में मिलते थे, वे कोविड के दौर में अत्यंत परेशान हुए। केंद्र सरकार द्वारा 25 साल की सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को मूल वेतन का आधा पेंशन के रूप में देने के निर्णय ने वृद्धावस्था में जीवन की सुरक्षा निश्चित कर दी है। सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। राज्य सरकारों को भी इसे लागू करने की घोषणा करना चाहिए।
– सरमन तिवारी, संयोजक,
संयुक्त मोर्चा कर्मचारी संघ, कटनी
सरकार की यह पहल अच्छी है। देशभर का कर्मचारी जगत सरकार से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग करता आया है और इसके लिए भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले जंतर मंतर पर धरना भी दिया गया। यूपीएस लागू होने की घोषणा से यह साफ हो गया है कि कर्मचारियों को अब पेंशन के रूप में न्यूनतम 10 हजार की राशि प्रतिमाह तो मिलेगी ही। पहले यह राशि 1500 और 2000 थी। 25 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे, यह व्यावहारिक निर्णय है।
– संजय अग्रवाल, जिलाध्यक्ष,
मप्र राज्य कर्मचारी संघ, कटनी
केंद्र सरकार के इस निर्णय से कर्मचारी पूरी तरह अब भी संतुष्ट नहीं हैं। कर्मचारी जगत चाहता है कि पुरानी पेंशन जो 2004 के पहले से चल रही थी, उसे बिना शर्त तत्काल बहाल किया जाए। वर्तमान में पेंशन देने के संबंध में जो केंद्र सरकार का निर्णय है उसको लेकर इतना ही कहा जा सकता है कि वर्तमान के एनपीएस से ठीक है। इससे कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम की लड़ाई अभी समाप्त नहीं होगी।
– मार्तंड सिंह राजपूत,
शिक्षक नेता, कटनी
सरकार ने यूपीएस की घोषणा की है।इसका एआईडीईएफ( आल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन विरोध करता है।ऐसी कोई योजना कर्मचारियों को मंजूर नहीं है।पिछले दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में लाखों कर्मचारियों ने इसके खिलाफ हुंकार भरी थी।सरकार ने कर्मचारियों को दूसरे एनपीएस में ढकेल दिया है।हमारा और सरकार का मिला कर 28फीसदी पैसा इतना बनेगा जो पेंशन से बहुत ज्यादा है। उसे सरकार अपने पास रखकर50फीसदी का झुनझुना पकड़ा रही है ।भविष्य निधि का भी कोई पैसा सरकार नहीं देगी।जो हमारा शोषण है।एआईडीईएफ फिर से इसके खिलाफ संघर्ष का विचार कर रहा।
एस एन पाठक
राष्ट्रीय अध्यक्ष एआईडीईएफ, जबलपुर
कल से नई पेंशन योजना यूपीएस का बड़ा ढिंढोरा पीटा जा रहा है।जिसमें कर्मचारियों के साथ धोखा और छल हुआ है। मजदूर जमात पहले ही दिन से इसका विरोध कर रहा है।पहले भी एनपीएस का बडा ढिंढोरा पीटा गया था। लंबे संघर्ष के बाद जब ओपीएस बहाल की स्थिति हुई तो एक नया प्रयोग किया जा रहा है।जैसे राजनेताओं सांसद विधायक और सेना को बगैर भेदभाव के पेंशन मिलती है।वैसे ही कर्मचारियों को मिलना चाहिए।जब तक ओपीएस की बहाली नहीं हो जाती संघर्ष जारी रहेगा।
अरूण दुबे उपाध्यक्ष
आईएनडीडब्लूएफ,जबलपुर
सरकार ने युपीएस की घोषणा की है वह स्वागत योग्य कदम है।हमारा संगठन इस बात की मांग करता है कि जो तमाम सुविधाएं ओपीएस मे मिली थी।किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाए ओपीएस तुरंत लागू करे।चाहे उसका नाम कोई भी हो।
नरेन्द्र तिवारी, पूर्व राष्ट्रीय
अध्यक्ष एवं संगठन मंत्री बीपीएमएस
एनएफआईआर/ डब्ल्यूसीआरएमएस का संयुक्त संघर्ष सफल रहा, सरकार को झुकना पड़ा। युवा रेल कर्मचारियों की बड़ी जीत हुई। ह्वश्चह्य पेंशन योजना में काफी हद तक शश्चह्य के लाभ दिलाने में कामयाब रहे। बचे हुए कुछ ओ पी एस के लाभ के लिए संघर्ष जारी रहेगा। जब तक ओ पी एस के सारे लाभ ह्वश्चह्य मे समाहित नही होते तब तक आंदोलन चलता रहेगा।
अशोक शर्मा, सहायक महामंत्री एनएफआईआर/ महामंत्री वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ

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