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11 लाख का लक्ष्य हो चुका है पूरा, आखिरी दौर में प्रशासन ने लगाया पूरा जोर

15 दिनों में होना है 3 लाख 50 हजार केवाईसी

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11 लाख का लक्ष्य हो चुका है पूरा, आखिरी दौर में प्रशासन ने लगाया पूरा जोर
15 दिनों में होना है 3 लाख 50 हजार केवाईसी

जबलपुर,यश भारत। जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की संख्या 14 लाख 51 हजार 953 है। इनमें से 10 लाख 97 हजार 112 हितग्राहियों की ई- केवायसी पहले ही हो चुकी है। शेष 3 लाख 54 हजार हितग्राहियों की ई-केवायसी करने जिले में 9 से 30 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है और इनमें से अभी तक 5 हजार 332 की ई-केवायसी का कार्य पूर्ण किया भी जा चुका है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत उचित मूल्य दुकानों से राशन प्राप्त करने वाले जिले के सभी पात्र हितग्राहियों की ई-केवायसी करने जिले में 30 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस अभियान के अंतर्गत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में शिविरों का आयोजन कर 30 अप्रैल तक शेष सभी पात्र हितग्राहियों की ई-केवाईसी का कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
30 अप्रैल तक का है लक्ष्य-कलेक्टर ने अधिकारियों को हिदायत दी है कि उनके क्षेत्र के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रत्येक पात्र हितग्राही की ई-केवायसी करने का कार्य हर हाल में 30 अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाये। श्री सक्सेना ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी हितग्राहियों से भी 30 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से अपनी ई-केवायसी करा लेने का आग्रह किया है, ताकि आगे उन्हें उचित मूल्य दुकानों से खाद्यान्न प्राप्त करने में किसी तरह की कठिनाई न हो। उन्होंने कहा है कि ऐसे सभी हितग्राही जो किन्ही कारणवश अभी तक ई-केवायसी नहीं करा सके हैं वे उचित मूल्य की दुकान पर जाकर यह कार्य करा सकते हैं।
यह होगी परेशानी
यदि 30 अप्रैल तक संबंधित व्यक्ति अपनी केवाईसी नहीं करता है तो उसे आने वाले समय में राशन मिलने में समस्या हो सकती है। जिसको लेकर अधिकारियों द्वारा पहले ही सूचना जारी कर दी गई है। लगभग 70त्न ऐसे लोग हैं जो अपनी केवाईसी कर चुके हैं लेकिन बहुत से लोग केवाईसी करने से इसलिए बच रहे हैं क्योंकि उनके आधार और पैन लिंक हो चुके हैं ऐसे में उनकी वास्तविक आर्थिक स्थिति सरकार के पास है, और यदि वे केवाईसी करते हैं तो फिर खाद्य विभाग के पोर्टल पर भी उनकी वास्तविकता सामने आ जाएगी । इस डर से बहुत से लोग केवाईसी करने से बच रहे। इस पूरे कवायत से एक ओर जहां वास्तविक गरीबों को शासकीय योजनाओं का फायदा मिलेगा वहीं अपनी आर्थिक स्थिति छुपाने वाले लोग सामने आ जाएंगे।

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