मां-बाप की व्यथा… लाडो को पाला, सपने देखें… एक पल में सब टूट गए…
दो समुदाय के युवक-युवती के विवाह में माता-पिता के अरमानों का गला घोंटा

जबलपुर, यशभारत। सिहोरा का युवक और इंदौर की युवती ने विवाह करने का निर्णय लिया, दो समुदाय होने के कारण विवाद मचा हुआ, विभिन्न संगठन से लेकर सामाजिक संस्थाएं विवाह के निर्णय को गलत बता रहे हैं, सब अपने-अपने तरीके से विरोध जता रहे हैं…. इस विवाहिक निर्णय का परिणाम जो भी लेकिन उस माता-पिता पर क्या बीत रही है इसका अंदाजा बस वही लगा सकते हैं। जिस लाडो को उन्होंने छोटे से लेकर बड़े प्यार से पाला, उसकी हर इच्छाएं पूरी की, कभी उसे दर्द हुआ तो मां-बाप ने वो दर्द ले लिया। हाईकोर्ट के सामने जिस तरह लड़की की मां दहाड़… दहाड़ कर रोकर अपनी बेटी…से मिलने की फरियाद लगा रही थी उसे जिसने भी देखा वह थोड़ी देर के लिए ठिठक गया… सोचने पर मजबूर हो गया…।
आखिर एक बेटी कैसे अपनी मां के अरमानों को दरकिनार कर उस लड़के से शादी करने का निर्णय ले सकती है जो उसके समुदाय का ही नहीं। मां-बाप ने सोचा था कि बेटी बड़ी होगी उनकी हर बात मानेगी… पूरे धूम-धाम, सामाजिक और रिश्तेदारों को एकत्रित कर वह उसकी डोली अपने घर से विदा करेंगे। बेटी के इस निर्णय से माता-पिता के अरमान चकनाचूर हो गए… दौड़ती… भागती दुनिया की चकाचौंद में बेटी ने अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने की वजाए उन्हें कुचल दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर युवती को नारी निकेतन भेजने का निर्णय लिया गया जबकि युवक को सुरक्षा प्रदान की गई। यहां एक बात अच्छी है कि मामला सामने आने के बाद जबलपुर से लेकर अन्य राज्यों के जनप्रतिनिधियों ने सक्रियता दिखाई और विवाह होने के पहले विरोध जताया। अनेक संगठन युवती के परिजनों के साथ खड़े नजर आए।
एक बार तो समझा देने दो… बेटी को
बेटी के निर्णय से आहत, बेबस मां ने कभी सोचा नहीं था अपने कलेजे के टुकड़े को समझाने के लिए उसे सबके सामने इस तरह से रोना पड़ेगा। मां की पीड़ा इतनी थी कि उसने लाज-शर्म सब छोड़कर सबके सामने आंखों से आंसू बहाना शुरू कर दिए उसकी यही मांग थी उसे एक बार अपनी बेटी से मिलने दिया जाए, शायद एक बार मिलकर वह उसे समझा सके। अच्छे-बुरे का मतलब समझा सके। नादानी में बेटी के कदम को रोकने के लिए एक मां पूरे प्रयास में है, दूसरी तरफ सबसे कठोर कहे जाने वाला पिता भी बिटिया के इस निर्णय आहत पर गुस्सा नहीं कर पा रहा है क्योंकि बेटी बालिग हो गई भले ही उसने गोद में खिलाया है, हर इच्छाओं को उसने पूरा किया हो।