शहर के ठगों से पीडि़त भांजी की शिकायत मामा तक पहुंची
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फर्जी दस्तावेज व खसरों में हेरफेर कर फर्जी रजिस्ट्री करवाने वाली गैंग ने हड़पे थे करोड़ों रुपए
जबलपुर, यशभारत। शहर में धोखाधड़ी कर जमीनों के फर्जी दस्तावेज, खसरों में हेरफेर और अन्य जालसाजी के जरिये लोगों की जमीनों को हड़पने एवं जमीनों के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह की शिकायत अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंच गई है। जमीन के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले इन गिरोह के सदस्यों ने कई लोगों को अपना शिकार बनाकर लाखों- करोड़ों रूपये हड़प लिए हैं। इस जालसाज गिरोह के सरगना पंकज साहू, प्रभात गर्ग, अनिल श्रीवास्तव द्वारा यादव कॉलोनी क्षेत्र में प्लाट दिलाने के नाम पर एक महिला से जालसाजी की गई । जिसकी लिखित शिकायत पीडि़त महिला द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही भोपाल में पुलिस विभाग आला अधिकारियों से की है। सीएम से शिकायत के बाद जल्द ही इन ठग गिरोह के सदस्यों पर कार्यवाही की जा सकती है।
भोपाल में कार्यरत है महिला
ठगी का शिकार हुई पीडि़ता रागिनी (परिवर्तित नाम) ने बताया कि जबलपुर में वह एक फायनेंस कंपनी में कार्यरत थी। वर्तमान में वह भोपाल में कार्यरत हैं। जबलपुर में कार्यरत होने के दौरान पंकज साहू का फायनेंस कंपनी के ऑफिस आना-जाना था। पीडि़ता ने बताया कि इस दौरान उसकी पहचान पंकज साहू से हुई थी। पीडि़ता ने बताया कि पंकज साहू ने चर्चा के दौरान बताया कि वह प्रापर्टी का भी काम करते हैं तो उसने इन लोगों से घर बनाने के लिए एक प्लाट लेने की बात कही। मार्च 2022 में पंकज साहू ने प्रभात गर्ग से उसकी मुलाकात करवाई तो प्रभात गर्ग ने यादव कॉलोनी क्षेत्र में राज किराना के सामने एक 5200 स्क्वयार फीट प्लाट दिखाया। इन्होंने बताया कि प्लाट मालिक राधेश्याम रैकवार है। उन्होंने कहा कि यह प्लाट आपको गाइडलाइन रेट पर 1200 रुपए वर्ग फीट के भाव से मिल जाएगा और वे ही प्लाट में अपके घर का कंस्ट्रक्शन भी कर देंगे। प्लाट पसंद आने के बाद 5 अप्रैल को पीडि़ता ने 5 लाख रूपये पेशगी के रूप में दे दिए थे। इसके बाद जब उसने पंकज साहू, प्रभात गर्ग रजिस्ट्री कराने की बात कही तो ये कहने लगे कि प्लाट मालिक राधेश्याम रैकवार का नामांतरण होने के लिए लगा है, इसलिए रजिस्ट्री में कुछ समय लगेगा। पीडि़ता ने बताया कि इस दौरा पंकज साहू, प्रभात गर्ग उसे रजिस्ट्री के लिए टालते रहे।
पीडि़ता ने बताया कि जैस-तैसे 18 अप्रैल को रजिस्ट्री की बात कही। जिसके बाद उसने रजिस्ट्री के समय प्लाट के बाकी के रूपये भी दे दिए। पीडि़ता की मानें तो रजिस्ट्री की ड्रॉफ्टिंग की जांच करने पर सब सही था। लेकिन जालसाजी करने के लिए प्रभात गर्ग, पंकज साहू ने रजिस्ट्री के समय प्लाट की चौहद्दी गलत दर्शा दी। जब उसे रजिस्ट्री की असल कॉपी मिली तो उसे इस गड़बड़ी का पता लगा। इसके बाद जब उसने पंकज साहू और प्रभात गर्ग से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वह इस त्रुटि को सुधरवा देंगे। पीडि़ता ने बताया कि इसके बाद जमीन के नामांतरण के एवज में भी पंकज साहू, प्रभात गर्ग ने उससे रूपये लिए। लेकिन नामांतरण के लिए भी टाला मटोली करते रहे, क्योंकि वह नामांतरण नहीं होने देना चाह रहे थे। पीडि़ता ने बताया इस बीच उसने अपने एक परिचित से नामांतरण के लिए केस लगाकर नामांतरण करवा लिया। नामांतरण होने की जानकारी लगने पर पंकज साहू और प्रभात गर्ग उसे धमकाने लगे कि बिना उनसे पूछे नामांतरण कैसे करवा लिया। पीडि़ता ने बताया कि जब नामांतरण होने के बाद प्रभात गर्ग और पंकज साहू से प्लाट में पजेशन कराकर कंस्ट्रक्शन करने की बात कही तो दोनों ने फोन उठाना भी बंद कर दिया। जिसके बाद उसे जानकारी लगी कि पंकज साहू और प्रभात गर्ग ने उसके प्लाट में किसी अन्य लोगों के साथ मिलकर दूसरे के नाम का बोर्ड लगवा दिया है और अब उसे प्लाट छोडऩे की बात कहते हुए जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
सक्रिय महिला सदस्य व साथी गये जेल
इस ठग गिरोह द्वारा अधारताल में भी ठगी की । यहां स्थित अनिल केवट की संपत्ति को फर्जी तरीके से किसी अन्य व्यक्ति को अनिल केवट बनाकर रजिस्ट्री कराने के मामले में धनवंतरी नगर पुलिस ने गिरोह की सदस्य तिलवारी शास्त्री नगर निवासी निशा पाठक समेत पंकज सिंह ठाकुर निवासी शहपुरा भिटौनी, अर्पित दुबे निवासी रविन्द्र नगर अधारताल, प्रदीप कोरी निवासी विवेकानंद वार्ड कला देवरी पनागर को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया था। जहां से न्यायालय ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। सूत्रों की मानें तो ठग गिरोह के प्रभात गर्ग और पंकज साहू आरोपी निशा पाठक को थाने से रिहा कराने और मामला रफा-दफा करवाने के भी जुगत में लगे रहे।