Singhara farming बरसात के चलते करे इस फल की खेती, काम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा, चंद मिनटों में बन जाओगे लखपति जाने इस खेती का तरीका
Singhara farming:- बरसात के चलते करे इस फल की खेती, काम लागत में होगा तगड़ा मुनाफा, चंद मिनटों में बन जाओगे लखपति जाने इस खेती का तरीका बारिश के मौसम में किसान भाइयो को उन फसलों की खेती करनी चाहिए जो कम लागत में बेहतर मुनाफा देती हो, बारिश के पानी से आपके खेतो के कुछ हिस्सों में पुरे सीजन भर जलभराव रहता है तो आप उसमे सिंघारे की खेती कर सकते है। सिंघारा एक जलीय पौधा है, जिसे तालाबों और पोखरों में उगाया जाता है। वैसे तो मुख्यरूप से बिहार में ही सिंघारे की खेती होती है।
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सिंघारे की खेती से कमा सकते है तगड़ा मुनाफा
सिंघाड़े की बेहतर उत्पादन के लिए आपको इसकी अच्छी किस्मों का इस्तेमाल करना चाहिये। सिंघारा की कुछ रोग रोधी किस्मों में लाल चिकनी गुलरी, लाल गठुआ, हरीरा गठुआ और कटीला किस्में किसानो के बीच काफी मशहूर हैं। भारत में सिंघारे की हरी, लाल और बैंगनी रंग की किस्में पाई जाती है। यह किस्मों केवल 120-150 दिनों पर पककर तैयार हो जाती है। आप भी अपने खेत में बने तालाब और पोखर में सिंघाड़े की खेती कर अच्छा उत्पादन कर सकते है।
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इसका एक हैक्टेयर पानी के खेत में होता है 80-100 क्विंटल तक का उत्पादन
एक हैक्टेयर पानी के खेत या तालाब में सिंघारा की खेती करने पर करीब 80-100 क्विंटल तक का उत्पादन लिया जा सकता है। बात करें इसके बाजार भाव की एक किलो सिंघाड़ा करीब 35-40 रुपये तक की कीमत पर बेचा जाता है। सिंघाड़े की फसल से अतिरिक्त आमदनी लेने के लिये तालाब में मखाना की खेती और मछली पालन कर दुगना लाभ कमा सकते है। इस तरह से सिंघाड़ा की खेती से करीबन 4-5 लाख की आमदनी हो सकती है।
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वैज्ञानिक तरीके से भी कर सकते है खेती
आपको बता दे की सिंघारा की खेती सिर्फ तालाब या पोखर में ही की जाती थी। लेकिन किसान चाहें तो नई तकनीकों और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर अब जमीन पर खाद और मिट्टी के साथ सिंघारा उगा सकते हैं। इस तकनीक से खेती करने के लिये मानसून का मौसम सबसे बेहतर माना जाता है, क्योंकि अलग से पानी का खर्च नहीं होता और फसल की बढ़वार भी जल्दी हो जाती है। साथ ही फसल बेहतर उत्पादन भी देती है।
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