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शिवराज सिंह और विवेक तन्खा आपस में सौहार्दपूर्ण समाधान निकालें-राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर मानहानि के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का आदेश

एजेंसी
नई दिल्ली, यश भारत। शिवराज सिंह एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सुझाव देते हुए निर्देश पारित किया है कि दोनों पक्ष आपस में बैठ कर समाधान निकालें।कोर्ट ने चार सप्ताह की मोहलत देते हुए अगली सुनवाई में पक्ष रखने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा सांसद, वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य विवेक तन्खा ने तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान कृषि मंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की टिप्पणी से व्यथित होकर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में मानहानि का मामला दायर किया था।जिस पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने 25अक्टूबर 2024को शिवराज और वी डी शर्मा के खिलाफ अंतिम आदेश जारी किया था। फैसलेके खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने  सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी।
देश की शीर्ष अदालत में माननीय न्याय मूर्ति गण एम एम सुंदरेश एवं नोंग्मीकापम कोटिश्वर सिंह की पीठ में इस अहम राजनीतिक एवं कानूनी मामले की सुनवाई हुई। जो मध्य प्रदेश की राजनीति से जुड़ा है। विशेष अपील अनुमति याचिका (आपराधिक अपील) संख्या 15212/2024 पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने दोनों पक्षों को सौहार्दपूर्ण समाधान की दिशा में पहल करने का निर्देश दिया।यह अपील, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा पारित एमसीआरसी संख्या 12558/2024 में 25 अक्टूबर 2024 को दिए गए अंतिम आदेश के विरुद्ध दायर की गई थी।मामले में शिवराज सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गण महेश जेठमलानी, मनिंदर सिंह ,अनिल कौशिक,सौरभ सिंह और अनिल जैन थे।जबकि प्रतिवादी सांसद विवेक तन्खा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्तागण कपिल सिब्बल, सुमीर सोढ़ी, अर्जुन नंदा, हरजस सिंह छाबड़ा उपस्थित रहे।

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