मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह महर्षि सुश्रुत के नाम से नी जाजाएगी मेडिकल यूनिवर्सिटी

मेडिकल यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह
महर्षि सुश्रुत के नाम से जानी जाएगी मेडिकल यूनिवर्सिटी
की घोषणाजबलपुर, यश भारत।मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विवि जबलपुर का द्वितीय दीक्षान्त समारोह 3 मई को नेताजी सुभाषचंद्र बोस सांस्कृतिक एवं सूचना केंद्र घंटाघर के आडिटोरियम में आयोजित किया गया। दीक्षांत समारोह के अध्यक्षता कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने की। उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल नरेन्द्र शिवाजी पटेल राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मप्र, समारोह के सारस्वत अतिथि डॉ. बीएन गंगाधर अध्यक्ष राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग नई दिल्ली, विवि के कुलगुरु डॉ. अशोक खंडेलवाल मंचासीन थे। कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति राज्यपाल मंगूभाई पटेल द्वारा घोषणा की गई की जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी अब महर्षि सुश्रुत के नाम से जानी जाएगी।
दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों के चेहरे उसे समय कुलाधिपति द्वारा स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इस आयोजन में कुल मिलाकर 76 चिकित्सकों को गोल्ड मेडल दिया गया जिन्होंने अपनी अपनी विद्या में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पाया था।
कौन थे महर्षि सुश्रुत
आचार्य महर्षि सुश्रुत प्राचीन भारत के एक महान चिकित्सक और शल्य चिकित्सक थे, जिन्हें शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है. उनका जन्म काशी (वाराणसी) में हुआ था और उन्होंने धन्वन्तरि से शिक्षा प्राप्त की थी. उन्होंने शल्य चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी और ‘सुश्रुत संहिताÓ नामक एक महत्वपूर्ण ग्रंथ की रचना की, जो आयुर्वेद चिकित्सा में विशेष स्थान रखता है.
डॉक्टर के रूप में भगवान को देखता हूं : महापौर
महापौर कहा कि व्यक्ति जब आपके पास आता है तो आप में भगवान देखकर आता है वो ऐसा मानता है कि वह अपने उसे भगवान के पास जा रहा है। जो मेरा सर्वस्व ठीक कर देगा और मैं वापस अपने जीवन की मुख्य धारा में आ जाऊंगा। मैं पिछले 8 महीने से एक बड़ी बीमारी से लड़ाई लड़ रहा हूं लगभग जीत चुका हूं डॉक्टर के कारण जीता हूं ईश्वर के आशीर्वाद के कारण जीता हूं।