जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

राजस्व महाभियां 0.2, नक्शा बटाक में आ रही परेशानी, सबसे ज्यादा विवाद यही, दबी जुबान से जिले के अधिकारी कर रहे शिकायत, कई जिलों में पटवारीयो का खुला विरोध

जबलपुर यश भारत। प्रदेश भर में लंबित राजस्व प्रकरणों को निपटने के लिए राजस्व महा अभियान का दूसरा चरण चल रहा है। जिसमें लंबित भू राजस्व संबंधित मामलों को जल्द से जल्द निपटने को लेकर तहसील स्तर पर एसडीएम, तहसीलदारों, पटवारीयो को लक्ष्य दिए गए हैं। जिसको लेकर कलेक्टर स्वयं निगरानी कर रहे हैं लेकिन इस पूरे मामले में सबसे बड़ी समस्या आ रही है नक्शा बाटने को लेकर जिसमें सबसे ज्यादा विवाद है। अधिकारियों की माने तो इस मामले में सभी पक्षों का सहमत होना जरूरी होता है ,नहीं तो बाद में विवाद की स्थिति निर्मित होती है। जिसमें उक्त भूमि के पक्षकारों के साथ-साथ आजू-बाजू लगी हुई भूमि के स्वामियों को भी जानकारी देनी होती है और उनकी मौजूदगी में बटाक का कार्य होता है। ऐसे में महा अभियान के तहत यह कार्य सबसे अधिक समय लेता है ।जिस के चलते इस काम को महा अभियान में शामिल नहीं करना चाहिए नहीं तो बाद में विवाद की स्थितियां निर्मित होंगी।

आज नक्शा काट दो कल विवाद

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि नक्शा बाटने के मामले में सबसे ज्यादा समस्याएं आ रही हैं। जिसमें आज तो हम कागजों पर नक्शा काट देंगे लेकिन कल दोनों ही पक्ष आमने-सामने आ जाएंगे और विवाद की स्थिति निर्मित होगी। क्योंकि बंटवारे नामें के आधार पर जो नक्शे काटे जाते हैं उसमें कभी-कभी फ्रंट और बैक की समस्या भी आती है । जिसमें बराबर बराबर जमीन तो कर दी जाती है लेकिन पक्षकार जमीन की लोकेशन को लेकर सहमत नहीं होते हैं और फिर बाद में विवाद की स्थिति निर्मित होती है।

लौट कर आ रहे मामले

राजस्व महाभियां के पहले चरण में जिन नक्शा बटाक के मामलों को निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा निपटाया गया था अब वही मामले अपील में वरिष्ठ अधिकारियों के पास आ रहे हैं ऐसे में सवाल उठता है कि कागजों पर तो मामलों के निपटारे हो गए लेकिन जब भी पुनर्विचार में वरिष्ठ अधिकारियों के पास दोबारा दर्ज हो रहे हैं तो फिर ऐसे निपटारों का औचित्य ही क्या किया है । जिसको लेकर वरिष्ठ अधिकारी तो दबी जुबान में अपनी शिकायत कर ही रहे हैं वहीं दूसरी जिलों में कुछ पटवारीयो द्वारा नक्शा बाटने के मामलों को लेकर अपना विरोध भी दर्ज कराया है और उनकी मांग है कि इन विवादित मामलों को महा अभियान से बाहर रखा जाए।

टॉप करने का दबाब

महा अभियान को लेकर चाहे प्रदेश स्तर पर हो या जिला स्तर पर हो हर जगह अधिकारियों को टॉप पर रहने की हिदायत दी गई है। जहां प्रदेश स्तर पर जिले वाइज मेरिट सूची तैयार होगी जिसमें जिलेवार मूल्यांकन होगा ।वहीं जिला स्तर पर तहसील बार मेरिट सूची तैयार होगी। वही तहसील स्तर पर पटवारीयो को ज्यादा से ज्यादा मामले निपटने की हिदायत दी गई है। ऐसे में सभी के ऊपर टॉप करने का दबाव है ,और सभी को भली भांति ज्ञात है कि पिछले महा अभियान के दौरान काम में हीला हवाली करने पर किस तरीके से पटवारीयो के ऊपर कड़ी कार्रवाई की गई थी। ऐसे में अधिकारी और निचले कर्मचारी भी पूरे दबाव में है जिसके चलते नक्शा बटाक जैसे लंबे और विवादित मामलों को महा अभियान से दूर करने की बात कह रहे हैं।

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