रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही, बीए सेकंड ईयर इतिहास का पेपर आउट ऑफ सिलेबस
छात्रों का हंगामा, परीक्षा स्थगित

जबलपुर: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (आरडीयू) द्वारा परीक्षा संचालन में बरती जा रही अनियमितताएं एक बार फिर सामने आई हैं। बुधवार को सुबह 11 बजे से आयोजित बीए सेकंड ईयर इतिहास (मेजर) के प्रश्न पत्र में आउट ऑफ सिलेबस सवाल पूछे जाने से छात्र भड़क गए और एग्जाम सेंटरों पर जमकर हंगामा हुआ। विश्वविद्यालय की इस गंभीर लापरवाही के कारण कई केंद्रों पर परीक्षा को स्थगित करना पड़ा।
यह मामला उस समय सामने आया जब जबलपुर के अलावा कटनी, मंडला और नरसिंहपुर स्थित एग्जाम सेंटरों पर बीए सेकंड ईयर के छात्रों को इतिहास विषय का प्रश्न पत्र वितरित किया गया। प्रश्न पत्र देखते ही छात्रों के होश उड़ गए क्योंकि उनके अनुसार पेपर में पूछे गए अधिकांश सवाल निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर के थे। छात्रों ने तत्काल इसकी शिकायत केंद्र अधीक्षकों से की।
केंद्रों पर मौजूद शिक्षकों ने भी प्रश्न पत्र की जांच की और पाया कि छात्रों की आपत्तियां सही हैं, प्रश्न सिलेबस के अनुरूप नहीं हैं। इसके बाद केंद्राध्यक्षों ने तत्काल रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय प्रशासन को स्थिति से अवगत कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरडीयू प्रशासन ने निर्देश दिए कि जिन छात्रों को प्रश्न पत्र पर आपत्ति है, उनसे लिखित आवेदन लिया जाए और उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया जाए। इस निर्णय के बाद कई केंद्रों पर परीक्षा एक तरह से बीच में ही रोक दी गई और छात्रों से आवेदन लेकर उन्हें वापस भेज दिया गया।
विश्वविद्यालय की इस बड़ी चूक से छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है और उन्हें मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा है। इस घटना ने आरडीयू की परीक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कुलसचिव का बयान:
इस पूरे मामले पर आरडीयू के कुलसचिव राजेंद्र कुमार बघेल ने बताया कि जिन विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र में पूछे गए सवालों को लेकर आपत्तियां थीं, उनसे लिखित आवेदन लिए गए हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि एक कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी और जो भी निर्णय छात्र हित में होगा, वही लिया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आरडीयू को अपनी परीक्षा प्रणाली और प्रश्न पत्र निर्माण प्रक्रिया में सुधार की सख्त आवश्यकता है ताकि छात्रों को ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े और विश्वविद्यालय की साख बनी रहे।