दतिया, एजेंसी। मध्य प्रदेश के दतिया में राजगढ़ किले की दीवार गिरने से बड़ा हादसा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार घटना सुबह करीब साढ़े तीन बजे की बताई जा रही है। यहां लगातार हो रही बारिश का प्रकोप देखने को मिला है। पिछले कई घंटों की भारी बारिश के कारण यहां किले की दीवार ढह गई। इस घटना में आधे दर्जन से Óयादा लोगों के दबने की खबर आ रही है। हादसे के बाद से ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। घटना के तुरंत बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बता दें कि किले की दीवार जर्जर थी। सुबह करीब साढ़े & बजे बहुत तेज आवाज आई। जब लोग बाहर निकले तो देखा तो किले की दीवार गिर गई है। इसके बाद मौके पर मौजूद लोग हालात का जायजा लेने आगे बढ़े। उन्होंने देखा की अंदर 9 लोग दब गए हैं। दबने वाले लोगों में से स्थानीय लोगों की मदद से दो लोगों को तुरंत मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है। वहीं अन्य लोगों की मदद का काम चल जारी है।
मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम
सूचना मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और मोर्चा संभाल लिया। आपदा प्रबंधन टीम के द्वारा मलबे से अभी तक 2 शव बरामद किए हैं। तीन ब’चों समेत 5 लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास जारी है। हादसे के बाद मौके पर कलेक्टर, एसपी से लेकर कई आला अधिकारी मौजूद हैं। ग4 सौ साल पुरानी है दीवार
दीवार (रर) लगभग 400 साल पुरानी है। इसे सन 1629 में तत्कालीन राजा इंद्रजीत ने बनवाया था। इसे दीवार शहर पन्हा के नाम से जानते हैं। दतिया एक छोटी रियासत थी। इसलिए डर बना रहता था कि, आसपास के राÓय आक्रमण ना कर दें। सुरक्षा के लिहाज से दीवार का निर्माण कराया गया था। इसमें चार गेट और सात खिड़कियां थीं। लोगों ने दीवार पर अतिक्रमण कर लिया था। इस दीवार को तोड़ कर रिंग रोड बनाने का काम भी चल रहा है।
हादसे परिवार के ये लोग दबे
निरंजन का परिवार
निरंजन बंशकर (55) – मलबे में दबा
ममता पत्नी निरंजन- मलबे में दबी
राधा पिता निरंजन- मलबे में दबी
सूरज पिता निरंजन (19)- मौत
शिवम पिता निरंजन (22)- मौत
किशन का परिवार
किशन पिता पन्ना लाल, रंजन का जीजा निवासी ग्वालियर- मलबे में दबा
प्रभा पत्नी किशन बंशकार, निरंजन की बहन- मलबे में दबी
मुन्ना का परिवार
मुन्ना पिता खित्ते वंशकार- अस्पताल में भर्ती
आकाश पिता मुन्ना वंशकार- अस्पताल में भर्ती
विधायक ने कहा- प्रशासन की तैयारी नाकाफी
दतिया विधायक राजेंद्र भारती भी मौके पर हैं। उन्होंने कहा- ऐसी घटनाएं न घटें, इसकी तैयारी जिला प्रशासन को पहले से करके रखना चाहिए। हालात बिगड़े हुए हैं। अभी जो तैयारी है, वह नाकाफी हैं। शासन-प्रशासन से मांग है कि पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की तत्काल आर्थिक मदद की जाए। घायलों को इलाज के लिए दो-दो लाख की मदद की जाए। प्रशासन जल्द से जल्द मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाले।
लोगों में नाराजगी
वहीं रेस्क्यू की धीमी स्पीड को लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि मलबा हटाने में लापरवाही बरती जा रही है। स्थानीय लोगों ने इसे लेकर हंगामा भी किया। उन्होंने तेजी से काम करने की बात कही है। मौके पर मौजूद पुलिस ने लोगों को शांत करवाया और बचाव कार्य जारी रखा।