
जबलपुर यशभारत। अंग्रेजी की पुरानी कहावत है, फर्स्ट स्टेप इज अ हॉफ ऑफ जर्नी अर्थात पहला कदम आधे सफर के बराबर होता हैै। इस लिहाज से बात की जाए तो विधानसभा चुनाव का शंखनाद अर्थात पहला कदम कांग्रेस ने पूरी मजबूती से उठाया, इस शंखनाद की गूंज दिल्ली-भोपाल से लेकर शहर के गली कूंचों चौराहों तक सुनाई दी। प्रियंका गांधी की सभा की चर्चा जबलपुर के हर खास ओ आम में रही। प्रियंका सभा के माध्यम से कांग्रेसियों में जोश भर गई लेकिन भाजपा की टेंशन बढ़ा गई। यह सभा चुनाव परिणाम पर कितनी प्रभावी होगी, उसके लिये भी इंतजार है। लेकिन इस सभा ने जबलपुरवासियों का दिल जीतने में कामयाबी हासिल की है, इसमें भी कोई दो राय नहीं। प्रियंका ने जिस अंदाज से जबलपुर के साहित्यक और सांस्कृति इतिहास को संविधान एवं आधुनिक भारत के इतिहास का आधार बताया, उसने जबलपुर वासियों के दिलों में उनकी खास जगह बनाने का काम किया। जिस तरह से आदिवासी विरासत का जिक्र उन्होंने किया, मां नर्मदा के महत्व और जबलपुर के योगदान को याद किया।

कांग्रेस जबलपुर की उपेक्षा प्रमुख मुद्दा बनाएगी
जबलपुर में चुनाव का मुख्य मुद्दा का कमोबेश तय हो चुका है। आगामी चुनाव में कांग्रेस जबलपुर की उपेक्षा प्रमुख मुद्दा बनाएगी। वहीं जबलपुर को उसके द्वारा बार बार दिया गया महत्व उसकी ताकत बनेगा। माना जा रहा है कि इस बार जबलपुर की उपेक्षा को जबलपुर वासियों की आत्म सम्मान की लड़ाई में बदलकर कांग्रेस लोगों के दिलों तक पहुंचने का प्रयास करेगी। इसके आलावा नारी सम्मान योजना, भ्रष्टाचार, अव्यवस्थित निर्माण कार्य आदि भी जमीनी स्तर पर मुख्य मुद्दा बनेंगे।
प्रियंका का सरल-शालीन अंदाज सालों याद करेगा शहर
जबलपुरवासियों में एक गौरव की अनुभूति कराने का काम किया। विशलेषका का मानना है कि प्रियंका गांधी का सरल और शालीन अंदाज सालों तक शहर में याद किया जाएगा। प्रियंका की सभा से एक बात यह तय हो गई कि चुनाव का मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी होगी। वहीं जनता को प्रभावित करने के लिए पांच गारंटियां अपनी भूमिका निभाएगी। नारी सम्मान में 15 सौ रुपए, जहां महिलाओं को प्रभावित करेगी और 500 रुपए गैस सिलेंडर और 100 यूनिट तक बिजली बिल प्रसी और 200 यूनिट बिजली बिल हाफ मध्यम वर्गीय लोगों के लिए संजीवनी होगी तो ओल्ड पेशनर्स सरकारी कर्मचारियों को लुभाएगी।
कांग्रेस का हर कार्यकर्ता उत्साहित
प्रियंका गांधी की शहीद स्मारक में हुई सभा ने जबलपुर कांग्रेस को ऊर्जा से भरने का काम किया है। शहीद स्मारक की सभा, जिस तरह से देश की राष्ट्रीय और प्रदोशिक सुर्खियों में छाई रही। उससे कांग्रेस जन उत्साहित है। वहीं जबलपुर में भी प्रियंका की सभा को लेकर सकारात्मक रुझान शहरवासियों ने दिखाया, उसे भी कांग्रेसी शुभ संकेत मान रहे हैं। कांग्रेस का हर आला से अदना कार्यकर्ता उत्साहित और नये आत्मविश्वास में नजर आ रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा की यह उत्साह एवं आत्मविश्वास मतदान के दिन तक कायम रहता है या नहीं। फिलहाल यह जुमला हर कांग्रेसी की जुबां पर नजर आया कि 2018 में राहुल आए थे तो 2 से 4 हुये। अब प्रियंका आईं हैं अब 4 से 8 होंगे।
भाजपा बैकफुट पर लेकिन कई ट्रंप कार्ड
जबलपुर की सतह पर बात की जाए तो शहीद स्मारक की सभा को हर सतह पर मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने भाजपाई खेमे को चिंता में डाल दिया है। सरल, साफ एवं शालीन तरीके से रखी गई प्रियंका की बात का जवाब देने में कल और आज भाजपा नेता मुश्किल में नजर आए। कांग्रेस के इस पहले कदम से भाजपा बैकफुट पर है इससे कोई शक नहीं है। लेकिन अभी 5 महीने चलने वाला टेस्ट मैच बाकी है। भाजपा के पास भी कई ट्रंप कार्ड हैं, जिसे चला जाना बाकी है। जबलपुरवासी जानते हैं कि भाजपा मुद्दे और चिंता दोनों परावर्तित करने में माहिर है।