जयपुर, एजेंसी। राजस्थान की जनता भी अजब है। हर 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा हर चुनाव में निभाने वाली राजस्थान की जनता ने अपना नया रूप दिखाया है। करणपुर की सीट पर हुए उपचुनाव में जनता ने सत्तारूढ़ बीजेपी के सुरेंद्र पाल को नकार ते हुए कांग्रेस के रूपिंदर सिंह पर भरोसा जताया है। बड़ी बात यह है कि सुरेंद्र पाल को भजनलाल सरकार ने मंत्री तक बना दिया था।
यह बीजेपी के घमंड की हार- गहलोत
करणपुर उपचुनाव के नतीजे सामने आने के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसे बीजेपी के घमंड की हार करार दिया है। बता दें कि उपचुनाव में कांग्रेस के रुपिंदर सिंह 12 हजार से ज्यादा की लीड से चुनाव जीते हैं। यदि अंतर कम वोटों का होता तो भी बीजेपी की भद न पिटती लेकिन इतने बड़े मार्जिन से मिली हार को बीजेपी पचा नहीं पा रही है।
सहानुभूति वोट का भी रहा फैक्टर
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट मिलने के बाद मौजूदा विधायक और रूपिंदर सिंह के पिता का निधन हो गया था। जिसके चलते इस सीट का चुनाव निरस्त कर दिया गया था। रूपिंदर की जीत में उनके पिता के निधन के सहानुभूति वोट का भी अहम योगदान है। लोकसभा चुनाव से पहले इस उपचुनाव के नतीजे ने हार से अलग-थलग पड़ी कांग्रेस में उम्मीद की आस जगा दी है।