किराया के मकान मे रहने वालों को लगा बड़ा झटका,महंगाई में घर का सपना भी हुआ ‘महंगा अब ये शहर के इतने बढ़े दाम जाने पूरी डिटेल्स
किराया के मकान मे रहने वालों को लगा बड़ा झटका,महंगाई में घर का सपना भी हुआ ‘महंगा अब ये शहर के इतने बढ़े दाम जाने पूरी डिटेल्स। इसी कारण से शहर में अन्य खर्चों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिसका खुलासा मर्सर की ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग रिपोर्ट-2023’ के सर्वे में हुआ है। जिसके मुताबिक मुंबई यात्रियों और प्रवासियों के लिए हमारे देश का सबसे महंगा शहर बताया जा रहा है।
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अब ये रिपोर्ट के अनुसार हमारे भारत देश में पर्यटकों के लिए मुंबई सबसे महंगा शहर बताया जा रहा है। सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय शहरों चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और पुणे में रहने की लागत मुंबई की तुलना में 50 प्रतिशत से भी कम बताई जा रही है। अब मुंबई के बाद न्यू दिल्ली और बैंगलोर का स्थान बन चूका है। मर्सर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबई पांच महाद्वीपों के 227 शहरों में से 147 वें स्थान पर बताया गया है।
अब ये विश्व स्तर पर, हांगकांग सूची में सबसे ऊपर बताया जा रहा है। वैश्विक रैंकिंग में दिल्ली 169वें, चेन्नई 184वें, बैंगलोर 189वें, हैदराबाद 202वें, कोलकाता 211वें और पुणे 213वें स्थान पर है। यहां मर्सर सर्वेक्षण ने प्रत्येक शहर में 200 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं की अनुमानित रेंजो की तुलना की जिसके आवास, भोजन, परिवहन, घरेलू सामान, कपड़े और मनोरंजन शामिल हो जाते है।
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यहां मर्सर की एक रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग, सिंगापुर और ज्यूरिख इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों के लिए दुनिया के सबसे महंगे शहर बनकर उभरे हुए है। जिसके साथ ही पाकिस्तान के दो अन्य शहर कराची और इस्लामाबाद सबसे सस्ते बताये गए है। अब ये मुंबई और दिल्ली 2023 में एक्सपैट्स के लिए एशिया के 35 सबसे महंगे शहरों में भी शामिल हो चुके है। बढ़ोतरी का कारण क्या है? महाराष्ट्र सोसाइटी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रभु ने कहा कि ‘एमएमआर क्षेत्र’ में लगभग 10,000 भवनों की पुनर्विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
जिसके साथ ही पुरानी और जर्जर इमारतों के पुनर्विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा दी गई रियायतों के कारण मुंबई में बहुत से परियोजनाएं चालू की गयी है। जिसके साथ ही कुछ रुके हुए प्रोजेक्ट भी शुरू किए जायेगे। उसके साथ ही, चूंकि इन भवनों के निवासी नए स्थानों पर स्थानांतरित हो गए हैं। जिसमे किरायेदारों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। उसके स्वाभाविक है कि मकानों का किराया बढ़ेगा जायेगा।
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वहीं दूसरी ओर कोरोना काल में बहुत से लोगों ने घर से काम किया गया है। अब जबकि यह खत्म हो गया है तो मुंबई लौटे कामकाजी पेशेवरों की ओर से आवास की मांग के कारण मकान का किराया भी बढ़ गया है। अब कच्चे माल के दाम बढ़े इस बारे में बात करते हुए जाने-माने बिल्डर वेलेरियन डाइस ने कहा है कि मकानों का किराया बढ़ने के पीछे मुख्य कारण यह है कि निर्माण उद्योग के लिए जरूरी कच्चे माल की रेंज बहुत ही हद तक बढ़ चुकी है।
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फिर उसमें सीमेंट और स्टील होगा। जिसके साथ में मजदूरों की तनख्वाह भी। जिसमे भारी इजाफा हुआ है। बैंकों की ब्याज दर में भी बहुत ही ज्यादा इजाफा हुआ है। जिसके चलते मकान का किराया बढ़ा है। दूसरी ओर, मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने के कारण बहुत से लोग मुंबई की ओर आकर्षित होते हैं। हालांकि, मुंबई के बहुत से उद्योग मुंबई से बाहर चले गए हैं। चूंकि मुंबई में बड़ी संख्या में ‘सेवा उद्योग’ हैं। इसलिए लोग आराम से रहने के लिए मुंबई आते हैं। इस वजह से भी यह हर चीज को प्रभावित कर रहा है।
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