भोपाल

संघर्ष भरा जीवन जी रहे लोग, नहीं है मूलभूत सुविधाएं – राजीव नगर, मैदा मिल और एमपी नगर क्षेत्र के निवासी हैं परेशान

संघर्ष भरा जीवन जी रहे लोग, नहीं है मूलभूत सुविधाएं
– राजीव नगर, मैदा मिल और एमपी नगर क्षेत्र के निवासी हैं परेशान
भोपाल यशभारत। राजधानी भोपाल के कई इलाकों में लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ना तो सरकार इन लोगों की मदद कर पा रही है और ना हीं जिला प्रशासन। यशभारत ने लोगों की समस्याएं जानने के लिए जनसंवाद किया तो लोगों का दर्द उभर कर सामने आया। राजीव नगर, मैदा मिल और एमपी नगर क्षेत्र की झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों की जिंदगी आज भी संघर्षों से भरी हुई है। यहां रहने वाले परिवारों को रोज़ाना अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या आवास और सुरक्षित जीवन की है। झुग्गी-झोपडिय़ों में रहने वाले अधिकांश लोग अस्थायी झोपडय़िों में रहते हैं, जहां न तो पक्के मकान हैं और न ही सुरक्षित रहने की सुविधा। बरसात के दिनों में उनकी परेशानी और बढ़ जाती है, क्योंकि पानी भरने से झोपडिय़ां जर्जर हो जाती हैं।
साफ सफाई व स्वच्छ पानी की समस्यसा
साफ़ और स्वच्छ पानी की है। यहां के लोग अक्सर गंदे पानी का उपयोग करने को मजबूर हैं। कई बार तो उन्हें दूर-दराज़ से पानी लाना पड़ता है। इस वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं। लोगों का कहना है कि स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सेवाएँ उनकी सबसे बड़ी जरूरत हैं, लेकिन इन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।
स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव
स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग लगातार खतरे में रहते हैं। छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज करने के लिए भी उन्हें दूर अस्पताल जाना पड़ता है। दवाइयों और जांच की सुविधा समय पर न मिलने से अक्सर बीमारियां गंभीर रूप ले लेती हैं। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य योजनाएं तो चलाई जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका लाभ उन्हें शायद ही मिल पाता है।
राशन व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
यशभारत ने जब जब सरकार द्वारा दिए जा रहे 5 किलो मुफ्त राशन पर लोगों से सवाल किया गया तो उनकी नाराजग़ी साफ़ झलक उठी। लोगों ने कहा कि राशन की गुणवत्ता बेहद खराब है। आप स्वयं देखिए, इस राशन में कितना कचरा है। इससे हमारे बच्चों का पेट कैसे भरेगा और उनका स्वास्थ्य कैसे सुधरेगा? आम जनता ने कहा कि यदि सरकार वास्तव में गरीबों के लिए योजनाएं चला रही है तो उनकी गुणवत्ता और निगरानी होनी चाहिए।
योजनाएं कागज़ पर, जनता परेशान
स्थानीय निवासियों का मानना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल तभी मिल सकता है जब उनकी लगातार समीक्षा और जांच हो। लेकिन हकीकत यह है कि योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं होता। लोग कहते हैं कि नेता और अफसर बड़ी-बड़ी घोषणाएं तो करते हैं, लेकिन आम जनता तक उनकी पहुंच नहीं हो पाती।
आर्थिक समस्या और वीआईपी कल्चर
लोगों ने यह भी कहा कि गरीबों की जिंदगी आर्थिक तंगी में गुजरती है। रोज़ाना मजदूरी कर किसी तरह से परिवार का खर्च चलाना पड़ता है। दूसरी ओर समाज के बड़े लोग वीआईपी कल्चर का आनंद उठाते हैं और आम जनता को केवल आश्वासन दिया जाता है। इससे जनता में असंतोष और बढ़ रहा है।
हिंदू-मुस्लिम माहौल पर राय
जन संवाद में मौजूद लोगों ने यह भी कहा कि आम जनता के लिए असली मुद्दे रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार हैं। धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटने से सिर्फ गरीब की मुश्किलें बढ़ती हैं। स्थानीय नागरिकों ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता ही देश और समाज की ताकत है।
लोगों का कहना
निवासियों की खास बातचीत इस संवाद में राजीव नगर, मैदा मिल और एमपी नगर क्षेत्र के निवासी मदन सिंह राजपूत, मोसीन खान और अनवर खान – ने अपनी राय रखी। इनका कहना था कि सरकार को यदि वास्तव में गरीबों की चिंता है, तो योजनाओं की सही निगरानी करनी होगी और उन्हें जमीनी स्तर तक लागू करना होगा।
जनता की यही उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन उनकी समस्याओं को समझे, और केवल वादों तक सीमित न रहे। क्योंकि गरीब की जिंदगी में सबसे बड़ी ज़रूरत है सुरक्षित घर, स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार।

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