राजस्व मामलों की पेंडेंसी ज्यादा, निपटारे कम
तीन महा अभियान के बाद भी नहीं मिल रही राहत, प्रयास हो रहे ना काफी साबित

राजस्व मामलों की पेंडेंसी ज्यादा, निपटारे कम
तीन महा अभियान के बाद भी नहीं मिल रही राहत, प्रयास हो रहे ना काफी साबित
जबलपुर, । नक्शा बटांकन और नामांतरण की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। जिसके लिए कलेक्टर द्वारा सभी एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देशित भी किया गया था कि राजस्व महाअभियान अंतर्गत सभी लंबित कार्यों में प्रगति लाई जाए और इसमें लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इसके बाद भी राजस्व विभाग का अमला प्रकरणों के निराकरण में तेजी नहीं दिखा पा रहा है और आमजन कार्यालय के चक्कर काटने के लिए कार्यालय कलेक्टर मजबूर हो गए है। इनमें सबसे ज्यादा परेशान नक्शे का बटांकन करवाने वाले हो रहे हैं। जिले में नक्शा बटांकन के लगभग 170000 प्रकरण पेंडिंग हैं। वही नामांतरण के प्रकरणों की पेंडिंग भी कम नहीं है। इसका आँकड़ा 10 हजार के ऊपर पहुँच चुका है। बावजूद इसके इन कार्यों को तीव्र गति से नहीं किया जा रहा है और लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
प्रतिदिन हो रही समीक्षा
इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर प्रतिदिन पेंडेंसी की समीक्षा लेते हैं और संबंधित अधिकारियों को इसके विषय में काम करने को लेकर दिशा निर्देश देते हैं, इसी को लेकर पटवारी को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए थे कि वे अपने कार्यक्षेत्र में दिन के हिसाब से जाएंगे और वहां काम करेंगे। जिसमें हीला हवाली होने पर पिछले दिनों 40 पटवारीयो का एक दिन का वेतन भी काटा गया था। लेकिन कवायत के बाद भी बहुत अधिक फायदा होते समझ नहीं आ रहा है।
नामांतरण में मिली है सफलता
नक्शा बटाक और ई केवाईसी को लेकर जहां प्रशासन कमजोर दिखाई दे रहा है। वहीं नामांतरण के लंबित मामलों में शत प्रतिशत सफलता दिखाई दे रही है। जिसको लेकर एक दो संभाग को छोड़ दें तो सभी जगह लक्ष्य के अनुरूप काम हुआ है लेकिन नक्शा बटन और खसरो को आधार से लिंक करने के मामले में अपेक्षित सफलता नहीं मिली है जिसमें सबसे बुरी स्थिति नक्शा बटाक की है हालांकि इस मामले में एसडीएम और तहसीलदार कलेक्टर के सामने अपनी समस्याएं भी बता चुके हैं जिसको लेकर कोई समाधान नहीं हुआ है।