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अपने ही विशेषज्ञ चिकित्सकों और सदस्यों के खिलाफ़ जांच चाहता है नर्सिंग होम एसोसिएशन ,चिकित्सा के क्षेत्र में एम्बुलेंस चालकों व बीमा कंपनियों के खिलाफ चिकित्सकों का हल्ला बोल जनआंदोलन,

जबलपुर यश भारत।चिकित्सा के क्षेत्र में एम्बुलेंस चालकों व बीमा कंपनियों के दलालों के खिलाफ स्वयं चिकित्सकों का हल्ला बोल जनआंदोलन प्रारंभ होने जा रहा है।इस कड़ी मेंएमपीएनएचए जबलपुर हॉस्पिटल्स एसोसिएशन क्रमवार तरीके से विभिन्न रणनीतियों के तहत चिकित्सा माफियाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ेगा।एमपीएनएचए जबलपुर हॉस्पिटल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डाक्टर अमरेंद्र पांडे का कहना है कि एम्बुलेंस चालकों के खिलाफ जन आंदोलन की शुरुआत की जा रही है।दुर्घटना के मामलों में बीमा कंपनियों को धोखा देने के लिए  काम करने वाले फर्जी दलाल, गरीब मरीजों को, उनकी कृषि भूमि और आभूषणों को भी धोखा देते हैं।किसी के जीवन में एक ऐसा समय आता है जब उसे शांति या जो सही है उसके लिए लड़ना है, के बीच चयन करना होता है, अब हम चुप नहीं बैठ सकते क्योंकि एम्बुलेंस चालक और नकली दलाल  बनकर गरीब मरीजों को धोखा देते हैं और उन्हें निजी अस्पतालों में ले जाते हैं। पैसे का आदान-प्रदान और कटौती और जब वे बिलों का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो उन्हें अपनी जमीन और आभूषण बेचने/गिरवी रखने के लिए मजबूर किया जाता है, अब हम इसके खिलाफ लड़ने जा रहे हैं और अंत में जरूरत पड़ने पर इस मामले को अदालतों और जनता दोनों के सामने ले जाएंगे।इसी कड़ी में 18 फरवरी रविवार को दोपहर 12 बजे आईएमए हॉल में एक विशाल प्रेस कॉन्फ्रेंस और सार्वजनिक बैठक में जबलपुर के सभी जिम्मेदार लोगों, सभी डॉक्टरों और अस्पताल के निदेशकों को भाग लेने का अनुरोध किया गया है। डाक्टर अमरेंद्र पांडे का कहना है कि मरीज को धोखा देने का यह गंदा खेल अब बंद करना होगा और हम अब चुप नहीं बैठेंगे, यह राजनीति और राजनीतिक दलों से परे है, यह भारत और मध्य प्रदेश के प्रत्येक भारतीय और नागरिक के अधिकार के लिए है अन्यथा राष्ट्रीय स्तर पर आपकी सभी गारंटी विफल हो जाएंगी अगर जमीनी स्तर पर ये अपराधी जनता को धोखा देते रहेंगे.

इस दौरान एमपीएनएचए जबलपुर हॉस्पिटल्स एसोसिएशन द्वारा चिकित्सा माफियाओं को समाप्त करने विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए गए हैं 

जियो टैग हो अनिवार्य -प्रत्येक एम्बुलेंस चालक और एम्बुलेंस को पंजीकृत और जियो टैग किया जाना चाहिए और प्रत्येक मरीज की निगरानी की जानी चाहिए और केवल सरकारी अस्पतालों का उपयोग सरकारी रेफरल के लिए किया जाना चाहिए।

मरीजों की विडियो कालिंग हो रिकार्ड –मरीज या रिश्तेदारों की वीडियो कॉल रिकॉर्ड की जानी चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह किस अस्पताल में जाना चाहता है और सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

अस्पतालों पर एफआईआर –मरीजों के अपहरण के लिए एम्बुलेंस चालकों को भुगतान करने वाले अस्पतालों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किया जाना चाहिए और एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।

एम्बुलेंस चालकों की डाक्टरों के साथ मुनाफाखोरी पर हो नजर -एम्बुलेंस चालकों को गोवा, बैंकॉक और मसाज सेंटरों तक ले जाने में लिप्त कुछ अस्पतालों को चिह्नित कर उन पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और इसमें शामिल डॉक्टरों सहित उनका पंजीकरण रद्द किया जाना चाहिए।

अस्पतालों ने अगर जमीं गिरवी रखी तो हो एफआईआर-यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती रहते हुए अपनी जमीन/आभूषण बेचता है या बैंक से लोन लेता है तो अस्पताल संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए और सौदा रद्द कर गरीब मरीजों के हक में मदद की जाए।

 

एमपीएनएचए जबलपुर हॉस्पिटल्स एसोसिएशन और नियोएथिकल प्रोफेशनल्स एसोसिएशन इसमें भारत और मध्य प्रदेश सरकार की पूरी मदद करने के लिए तैयार है।डीन मैडम और सीएमएचओ महोदय को सभी एम्बुलेंस, ड्राइवरों और मरीजों द्वारा भुगतान की ट्रैकिंग और एम्बुलेंस ड्राइवरों को कटौती के लिए नोडल अधिकारी स्थापित करना चाहिए।

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