जबलपुरमध्य प्रदेश

अब संक्रामक बीमारियों से बचाएगा गेहूं, नई किस्म हुई विकसित

• जवाहरलाल नेहरू कृषि वैज्ञानिकों का दावा- स्वास्थ्य के लिए सबसे उन्नत, जिंक की मात्रा है भरपूर

 

 

जबलपुर, यश भारत। देशकाल परिस्थितियों के हिसाब से स्वास्थ्य में हो रहे बदलाव को लेकर वैज्ञानिक भी अब चिंतित हैं । इस परेशानी का हल निकालने के लिए नवीन शोध लगातार किए जा रहे हैं जिसके चलते जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानी नई प्रजाति विकसित करने में जुटे हैं। इस कड़ी में विज्ञानियों को गेहूं की नई किस्म तैयार करने में सफलता मिल गई है। उन्होंने एक ऐसी गेहूं की किस्म एमपी 1378 विकसित की है, जो ज्यादा उत्पाद, कम दिनों में पकने और स्वादिष्ट रोटी बनाने में उपयोगी है। साथ ही इस गेहूं में जिंक की मात्रा अधिक है जो वर्तमान परिवेश में शरीर के लिए आवश्यक है और अनेक संक्रमित बीमारियों से भी रक्षा करेगा।

कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि इस प्रजाति की खास बात यह है कि यह कम ऊंचाई की रोगरोधी, पोषक तत्वों से भरपूर, बिस्किट एवं रोटी के लिए अति उत्तम है। इसकी ऊंचाई 88 सेमी तक है एवं अवधि 120 दिन है। प्रजाति उत्पादन क्षमता 66 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।पोषक तत्वों जैसे जिंक तथा आयरन से भी भरपूर है
विवि के पवारखेड़ा द्वारा गेहूं की उन्नत किस्म तैयार कर ली गई है, जो न केवल अधिक उत्पादन देगी, साथ ही महत्वूपर्ण पोषक तत्वों जैसे जिंक तथा आयरन से भी भरपूर है। इसमें आयरन तथा जिंक 40 (पीपीएम) से अधिक विद्यमान है। यह प्रजाति भूरा एवं काला गेरूआ के प्रति अतिप्रतिरोधी है। प्रचलित प्रजातियों की तुलना में इस प्रजाति की उत्पादन क्षमता लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। इसी वजह से यह प्रजाति राष्ट्रीय स्तर पर आइसीएआर नई दिल्ली द्वारा किसानों के खेतों में उत्पादन के लिए 15 वर्ष तक अधिसूचित की गई है।

• पोषक तत्व इसलिए है जरूरी

शरीर को बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए आहार के माध्यम से पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पोषक तत्व, शरीर को स्वस्थ रखने, अंगों को बेहतर तरीके से काम करते रहने और बीमारियों से बचाव के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। जिंक, ऐसा ही एक अति आवश्यक तत्व है, जिसका शरीर के कई कार्यों में विशेष योगदान माना जाता है।

जिंक एक प्रकार का खनिज है जो शरीर के कई सामान्य कार्यों और प्रणालियों के लिए आवश्यक है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, घावों का भरना, रक्त का थक्का जमाना, थायरॉइड फंक्शन और स्वाद-गंध की इंद्रियों के कार्यों को ठीक रखना शामिल है। इसके अलावा जिंक गर्भावस्था, बचपन और किशोरावस्था के दौरान सामान्य वृद्धि और विकास में भी सहायता करती है।

यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी उम्र के लोगों को आहार के माध्यम से जिंक प्राप्त करते रहने की सलाह देते हैं।

••शरीर की इम्युनिटी के लिए जरूरी है जिंक

रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए जरूरी होता है। कोरोना महामारी के दौरान यह हम सभी अच्छी तरीके से समझ चुके हैं। अध्ययनकर्ता बताते हैं कि प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए जिंक भी बहुत आवश्यक है।

जिंक पूरे शरीर की कोशिकाओं में पाई जाती है। यह प्रतिरक्षा तंत्र को हमलावर बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद करती है। शरीर डीएनए (कोशिकाओं में आनुवंशिक सामग्री) और प्रोटीन बनाने के लिए भी जिंक का उपयोग करता है।

इन्होंने कहा…..

गेहूं की यह नई प्रजाति स्वास्थ्य के लिए हास्य अति उत्तम है इस गेहूं में जिंक की मात्रा अधिक है और यह और इसकी उत्पादन क्षमता 10 प्रतिशत से अधिक है।

डॉ. आरएस शुक्ला, संचालक प्रक्षेत्र एवं गेहूं समन्वयक

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