जबलपुरदेशभोपालमध्य प्रदेशराज्य

सास-ससुर का बहू को ताने कसना क्रूरता नहीं; सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?

WhatsApp Icon
Join Yashbharat App

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि ससुराव वालों का बहू पर ताने कसना पारिवारिक जीवन का हिस्सा है। इसे क्रूरता नहीं कहा जा सकता। इसी के साथ कोर्ट महिला के ससुराल वालों के खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को भी रद्द कर दिया है। जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शिकायत के समय और आरोपों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कहा, वैवाहिक विवादों से जुड़े मामलों में, खास तौर से जहां आरोप शादी के कई सालों के बाद लगाए जाते हैं और वह भी तब जब एक पक्ष दूसरे के खिलाफ तलाक की कार्यवाही शुरू करता है, कोर्ट को आरोपों को उनके वास्तविक मूल्य पर लेने में सावधानी बरतनी चाहिए।

कोर्ट ने कहा, जहां दुर्भावना के आरोप हैं, वहां कोर्ट यह जांच करनी चाहिए कि क्या उन आरोपों को लगाने के पीछे कोई मकसद है। पति के रिश्तेदारों की प्रार्थना पर विचार करते समय भी ऐसा करना चाहिए।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट जिस मामले की सुनवाई कर रहा था, उसमें पति-पत्नी की शादी साल 2005 में हुई थी। पति ने मई 2019 में तलाक के लिए अर्जी दी थी और समन मिलने के तीन दिन बाद पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने अपने पति पर शारीरिक उत्पीड़न और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया और अपने ससुराल वालों पर ताने मारने और सैलरी रोकने का आरोप लगाया।
गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी पति की याचिका

गुजरात हाई कोर्ट ने पहले पति की एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि गुजरात हाई कोर्ट इस मामले की व्यापक परिस्थितियों पर विचार करने में विफल रहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सास-ससुर के खिलाफ आरोप सिर्फ ताने मारने और घर के खर्च के लिए पैसे न देने के हैं। यहां-वहां कुछ ताने रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं, जिन्हें परिवार की खुशी के लिए आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

कोर्ट ने आगे कहा कि शिकायतकर्ता के अपने माता-पिता और चाचा ने उसे परिवार की भलाई के लिए मधैर्य रखने की सलाह दी थी। ऐसे में सास-ससुर के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देना प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Notifications Powered By Aplu