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मध्य प्रदेश सरकार बदलेगी गांवों की सूरत 29 जिलों के 827 वनग्राम बनेंगे राजस्व ग्राम

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भोपाल, यशभारत। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने आदिवासियों को नए साल का गिफ्ट दिया है। 29 जिलों के 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
इसके साथ ही आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा में जोडऩे का रास्ता आसान होगा। सरकार ने आदिवासियों को सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया है। अब इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जमीन और कृषि संबंधी अधिकार भी प्राप्त मिल सकेंगे।
कब भेजा था राज्य सरकार ने प्रस्ताव
एमपी सरकार ने 2002-2004 के बीच वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदलने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। 22 अप्रैल 2022 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल में वन समितियों के सम्मेलन में इस निर्णय की घोषणा की थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस प्रोसेस को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर इस प्रोसेस को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिए हैं।
आदिवासियों को मिलेंगे फायदे
सरकार के इस बदलाव से आदिवासियों को कई फायदे होंगे। जंगल कानून से राहत मिलेगी। बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। कानूनी अधिकारों तक पहुंच आसान होगी। साथ ही आदिवासियों को मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिलेगा। बता दें, मध्य प्रदेश में कुल 925 वनग्राम हैं, जिनमें से 827 को राजस्व ग्राम में बदला जा रहा है। इस प्रोसेस के तहत अब तक 792 गांवों का रूपांतरण पूरा हो चुका है। 790 गांवों का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है।

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