आचार संहिता लागू फिर भी चल रहा है नेता जी के सिफारिशों का दौर
चुनावी ड्यूटी कटवाने कर्मचारी लेकर पहुंच रहे केंद्रीय नेताओं के लेटर हेड

जबलपुर यश भारत। आचार संहिता लगने के बाद नेताजी के हाथ बंध गए हैं लेकिन, अभी भी सिफारिशें कम नहीं हुई हैं.चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए बड़े केंद्रीय नेताओं के लेटरहैड पर कार्मिकों की ड्यूटी कटवाने की सिफारिश भरे पत्र जिला निर्वाचन में पहुंच रहे हैं. अब अफसर भी पशोपेश में है किसकी सिफारिश माने किसकी नहीं.यदि सिफारिशों पर ड्यूटी कैंसिल हुई तो निर्वाचन की प्रकिया कराना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जाएगा.
लेटरहेड पर चल रहा सिफारिशों का दौर
निर्वाचन प्रक्रिया बड़ी जिम्मेदारी और जवाबदेही का काम है, लेकिन सरकारी कार्मिक चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए अजब-गजब तरकीब लगा रहे हैं. चुनाव ड्यूटी आने के बाद कोई बीमारी का बहाना बना रहा है.तो कोई मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के लेटरहेड पर लिखवाकर ड्यूटी कटवाने के लिए जिला निर्वाचन शाखा में पहुंच रहा है.और नेता भी ट्रांसफर की डिजायर की तर्ज पर आचार संहिता लगने के बाद भी अपने लैटरहैड पर कार्मिकों की चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए सिफारशी पत्र भेज रहे हैं.और तर्क दे रहे हैं की इन कार्मिकों की ड्यूटी लगने से उनके कार्यालय में काम प्रभावित होगा.जबकि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद मंत्री कोई फैसला ले नहीं सकते हैं.ना ही कोई ज्यादा काम रहा है
विभागीय काम प्रभावित होने का बहाना
आचार संहिता के बाद भी कुछ नेता लेटरहेड के माध्यम से कार्मिकों की ड्यूटी कटवाने की सिफारिश कर चुके हैं जिसमें लिखा गया हैं की चुनाव में ड्यूटी लगने से विभाग में काम प्रभावित होगा.इतना ही नहीं निर्वाचन की प्रकिया को समझने वाले अलग अलग विभागों के एचओडी ब्यूरोक्रेट्स ने भी जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव में कार्मिकों की ड्यूटी हटाने के लिए पत्र लिखा हैं.जबकि उन्हें पता है की जब कार्मिकों की ड्यूटी कैंसल होने लगेंगी तो फिर निर्वाचन की प्रकिया कौन करवाएगा।
