जबलपुर की जेएनकेविवि ने विकसित की जिंक और आयरन से भरपूर गेहूं की किस्म, किसानों को मिलेगी भरपूर उपज
JABALPUR. खेती को लाभ का धंधा बनाने और भूमि के सुधार के लिए सरकारों के साथ-साथ कृषि संस्थान भी निरंतर प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में बदलते हुए मौसम चक्र और मिट्टी की बिगड़ती सेहत के बीच किसानों की परेशानी का हल निकालने के लिए जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय ने गेहूं की एक नई किस्म ईजाद की है। गेहूं की इस किस्म को एमपी 1378 का नाम दिया गया है। कृषि विज्ञानियों का दावा है कि विभिन्न रोगों से प्रतिरोधक क्षमता वाली 120 दिन की इस किस्म की उत्पादन क्षमता 66 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। जिससे किसानों को अच्छा खासा लाभ प्राप्त हो सकता है।
खाने में भी रहेगा स्वादिष्ट
जेएनकेविवि के कृषि वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनकी विकसित की गई गेहूं की इस किस्म एमपी 1378 का उत्पादन ज्यादा है, साथ ही यह गेहूं पोषक तत्वों से भरपूर भी होगा और इसकी रोटियां और बिस्किट भी अतिउत्तम बनेंगे। दावा किया जा रहा है कि इस किस्म के गेहूं में भरपूर मात्रा में जिंक और आयरन मौजूद है। जबकि यह काला गेरुआ और भूरा गेरुआ रोगों के प्रति इम्यून है। नई दिल्ली के आईसीएआर ने गेहूं की इस किस्म को 15 साल के लिए अधिसूचित कर दिया है।