जबलपुर में जापानी बुखार की दस्तक, 2 मरीज सामने आए- मझौली और रांझी में अलर्ट, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया सर्वे
जबलपुर, यशभारत। डेंगू और टायफाइड बुखार का कहर कम नहीं हुआ कि शहर में जापानी बुखार के दो मरीज सामने आए है। मझौली और रांझी में दो बच्चों की रिपोर्ट पाजीटिव आई है। मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दोनों क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए सर्वे जारी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार पिछले माह आईसीएमआर की एक टीम ने जिले में सर्वे कर जांच सेम्पल लिए थे जिसमें मझौली और रांझी में दो बच्चों की रिपोर्ट में जापानी बुखार निकलकर सामने आया है। टीम ने इसकी जानकारी कुछ दिन पूर्व जिला स्वास्थ्य विभाग को पहंुचाई जिसके बाद सर्वे शुरू कर दोनों बच्चों के परिवारों को सतर्क रहने की सलाह के साथ उचित इलाज कराएं।
जापानी इन्सेफ्लाइटिस के लक्षण
जापानी इन्सेफ्लाइटिस में बुखार होने पर बच्चे की सोचने, समझने, और सुनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। तेज बुखार के साथ बार- बार उल्टी होती है। यह बिमारी अगस्त , सितंबर और अक्टूबर माह में ज्यादा फैलता है और 1 से 14 साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है।
क्या है इन्सेफलाइटिस यानि जापानी बुखार
इन्सेफ्लाइटिस एक जानलेवा बीमारी है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें आपके दिमाग में सूजन आने लगती है। इसके लिए आपातकालीन इलाज की जरूरत होती है। इस बीमारी का शिकार कोई भी हो सकता है लेकिन सबसे ज्यादा ख़तरा बच्चों और बूढ़ों को होता है।
जापानी इन्सेफ्लाइटिस से बचाव के उपाय –
नवजात बच्चे का समय से टीकाकरण कराएं
साफ सफाई का ख़ास ख्याल रखे
गंदे पानी को जमा ना होने दे साथ ही साफ और उबाल कर पानी पियें
बारिश के मौसम में बच्चों को बेहतर खाना दें
हल्का बुखार होने पर डॉक्टर को दिखाए।
इनका कहना है
आईसीएमआर की रिपोर्ट आने के बाद दोनों क्षेत्रों में टीमें सक्रिय हो गई है। बच्चों को होने वाले बुखार की जांच लगातार जारी है। प्रत्येक बच्चे खून की जांच कराई जा रही है।
डॉक्टर राकेश पहारिया, मलेरिया विभाग प्रमुख विक्टोरियासिर में दर्द होने और बुखार के मरीज सामने आ रहे हैं। इसका बचाव यही है कि बच्चों को मच्छर वाले स्थानों पर जाने से रोके। जापानी बुखार बहुत खतरनाक होता है इससे बचाव सतर्कता है।
डॉक्टर मोनिका लाजृरस, चाइल्ड स्पेशलिस्ट मेडिकल कॉलेज