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प्रदेश का जबलपुर सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल पहला जहां शुरू होगा पीएसीएस सिस्टम

जांच रिपोर्ट दिखाने से मिलेगी निजात, वार्ड में डॉक्टर के कम्प्यूटर में खुद प्रदर्शित होगी रिपोर्ट

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जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र बोस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में नई तकनीकी से मरीजों का इलाज किया जाएगा। यह तकनीकी मध्यप्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है। सुपरस्पेशलिटी हॉस्टिपल में चित्र संग्रहण एवं संचार प्रणाली (पीएसीएस)  सिस्टम शुरू होने जा रहा है जिसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, संभवतः कुछ माह में यह सिस्टम लागू हो जाएगा।

मालूम हो कि अभी तक मरीज के सिटी स्केन, एक्सरा सहित अन्य जांचों के लिए उनके परिजन रिपोर्ट के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं कभी-कभी लंबी लाइन लगती है। जिससे मरीज के इलाज में काफी लेटलतीफी होती है इस सबसे छुटकारा दिलाने के लिए सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें पीएसीएस सिस्टम लागू करने की योजना तैयार की गई है।

प्रक्रिया नियंत्रण प्रणाली (पीसीएस) के बारे में सब कुछ

क्या है पीएसीएस सिस्टम समझे यहां 

पीएसीएस का उपयोग एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई और अन्य चिकित्सा छवियों को संग्रहीत, पुनः प्राप्त और साझा करने के लिए किया जाता है। यह प्रणाली छवियों को डिजिटल रूप में संग्रहीत करती है, जिससे उन्हें आसानी से देखा, संपादित और साझा किया जा सकता है। पीएसीएस छवियों को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करता है, जिससे वे गुम या क्षतिग्रस्त होने से सुरक्षित रहते हैं। पीएसीएस छवियों को विभिन्न स्थानों पर डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ डिजिटल रूप से साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।

Doctor Team - Free photo on Pixabay

ऐसे करेगा काम

यदि कोई डॉक्टर किसी मरीज का एक्स-रे देखना चाहता है, तो वह पीएसीएस सिस्टम में लॉग इन कर सकता है और छवि को तुरंत देख सकता है। यदि किसी डॉक्टर को एक्स-रे की प्रतिलिपि किसी अन्य अस्पताल में भेजने की आवश्यकता है, तो वह पीएसीएस सिस्टम का उपयोग करके इसे डिजिटल रूप में भेज सकता है। पीएसीएस सिस्टम का उपयोग रेडियोलॉजी छवियों की समीक्षा करने के लिए भी किया जा सकता है, जिसमें डायग्नोस्टिक डिस्प्ले डिवाइस के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं को रेखांकित किया जाता है कि यह प्राथमिक डायग्नोस्टिक कार्य है, नैदानिक समीक्षा कार्य है या रेडियोलॉजी छवियों की मोबाइल समीक्षा है पीएसीएस प्रणाली विभिन्न प्रकार के डेटा को एकीकृत करती है, जैसे कि रोगी की जानकारी, इमेजिंग प्रोटोकॉल और नैदानिक रिपोर्ट, जिससे चिकित्सकों को अधिक व्यापक जानकारी मिलती है ।

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इनका कहना है
पीएसीएस सिस्टम के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है, कितने कम्प्यूटर और हाईस्पीड नेट लगेगा इस पर चर्चा की जा रही है। प्रदेश के किसी भी शासकीय अस्पताल में ऐसा सिस्टम नहीं है जबलपुर में पहली बार ऐसे सिस्टम की शुरूआत होने जा रही है।

डॉक्टर अवधेश प्रताप सिंह डायरेक्टर, सुपरस्पेशिलटी हॉस्पिटल

 

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