जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

JABALPUR NEWS- 7 साल से एक मां अपने बेटे को जंजीर में जकड़े हुएः पति के साथ दोनों बेटे मानसिक दिव्यांग निकले, गरीबी ने करने नहीं दिया किसी का इलाज

नीरज उपाध्याय

जबलपुर, यशभारत। नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल काॅलेज एवं चिकित्सालय में दो बेटोें के इलाज के लिए पहंुची 60 साल की मीरा बाई चैधरी के चेहरे में सिकन थी, गरीबी साफ झलक रही थी, एक दर्द भी नजर आ रहा था। महिला से कोई भी कुछ पूछता तो वहीं बताती कि बेटों को ठीक कराने जबलपुर के सबसे बड़े अस्पताल में आई है। एक हाथ में जंजीर थामे हुई और दूसरे हाथ से बेटे को दुलार करने वाली मां मीरा के सीने में दर्द इतना था कि बयां करते हुए उसकी आंखें भर आ रही थी। बड़े बेटे को एक मां 7 साल से कैद में रखे हुए हैं।

203 copy

आईये जानते है क्यों एक मां अपने बेटे को जंजीर में झकड़े हुए है

मीरा बाई बताती है कि वह मूलतः सिवनी के केवलारी जनपद में आने वाले सुंदरादेही गांव की। पति शिवचरण चैधरी मानसिक और शरीरिक रूप से विकलांग है। बड़ा बेटा लोकेश और रंजीत चैधरी भी 11 सालों से मानसिक दिव्यंगता की बीमारी से जूझ रहे हैं। गरीबी के कारण वह पति और बेटों का इलाज नहीं करा पा रही थी। स्थानीयजन और अधिकारियों के सहयोग से वह जबलपुर मेडिकल अस्पताल पहंुची है जहां दोनों बेटों का इलाज किया जा रहा है।

204 copy

दुख होता है, रो लेती हूं, क्या करूं मां हंू न
मीरा बाई का कहना है कि बड़े बेटे लोकेश चैधरी की शादी साल 2015 में हुई थी। शादी के कुछ माह बाद ही वह मानसिक रूप से विकलांग हो गया। घर में अजीब-अजीब हरकतें करने लगा। बेटा लोकेश घर की दीवारों को तोड़ने लगा, गांव के लोगों के साथ मारपीट करने लगा। इन सब हरकतों को देखकर उसे जंजीर में जकड़ लिया। यह बताते हुए मीरा बाई नर्वस हो जाती है। मीरा बाई कहती है कि कोई भी मां अपने बेटे को इस तरह से रखना नहीं चाहती है, एक मां का सपना होता है कि बेटे को दुनिया की हर खुशी मिले। परंतु मेरे बेटो के साथ ऐसा नहीं है। पूरे 7 साल से बड़े बेटे को जंजीरों में बांधकर रखना पड़ा है। बेटे की हालत देखकर दुख होता है, एक कोने में जाकर रो लेती हूं क्या करूं मां हूं न।

 

201 copy
छोटा बेटा हंसता रहता है, पर किसी को परेशान नहीं करता
मीरा बाई के घर में दो बेटे और पति सहित तीन पुरूष है परंतु मीरा को किसी को सहारा नहीं मिलता है। मीरा मजदूरी कर घर चलाती है और जो खर्चा बचता है उससे तीनों का इलाज कराती है। फिलहाल मीरा अपने दो बेटों का इलाज कराने मेडिकल पहंुची इनके ठीक होने के बाद पति को लेकर आएगी। मीरा बताती है कि छोटा बेटा रंजीत किसी को परेशान नहीं करता है बस हंसता रहता है या फिर किसी कोने में जाकर बैठ जाता है।

202 copy

झाड़-फूंक में समय बर्वाद कर दिया
महिला के साथ पहंुचे संुदरादेही गांव के दिलीप यादव ने बताया कि शिवचरण चैधरी और उनके दोनों बेटे मानसिक रूप से दिव्यांग है। स्थानीय स्तर पर तीनों का काफी इलाज चला लेकिन आराम नहीं लगा। परिवार ने झाड़-फूंक कराकर तीनों को ठीक कराना चाहा परंतु तीनों में किसी भी तरह का सुधार नहीं आया। इसके बाद कलेक्टर और अन्य अधिकारियों की मदद से शिवचरण के दोनों बेटों इलाज के जबलपुर मेडिकल लाया गया है।

200 copy

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button