जबलपुर मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी उत्तर पुस्तिका गीली मामला: ईसी की पहली बैठक में ही वीसी की खिंचाई

जबलपुर यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयू) के नए कार्यपरिषद (ईसी) सदस्य दूसरी बैठक में एक्शन मोड में आ गए। एक तरफ उत्तर पुस्तिकाएं गीली होने के मामले में तीन सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया गया वहीं दूसरी तरफ कुलपति (वीसी) की सहायता के लिए सलाहकार समिति गठन पर भी रोक लगा दी। इसके साथ ही मूल्यांकन के नाम पर इंदौर, ग्वालियर, रीवा एवं भोपाल में क्षेत्रीय केंद्रों की स्थापना के नाम पर एमयू के विखंडन के प्रबंधन के मंसूबों पर भी ईसी सदस्यों ने पानी फेर दिया। नए ईसी मेंबर्स डा. पवन स्थापक एवं डॉ. सुनील राठौर के निर्णयों को एमयू के गलियारों में वीसी के पर कतरे जाने की संज्ञा दी जा रही है। कुल मिलाकर इस ईसी की बैठक में पहली बार ऐसा महसूस हुआ कि एमयू की साख के साथ ही इसके विखंडन के खिलाफ भी कोई संस्कारधानी से खड़ा है अन्यथा प्रबंधन ने तो इस बैठक में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी।
क्यों गीली हुई उत्तर पुस्तिकाएं, होगी जांच
एमयू में उत्तर पुस्तिकाएं गीले होने के मामले को ईसी ने संदेह के दायरे में मानते हुए इसे विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली के ऊपर प्रश्न चिन्ह उठाने वाला बताया। ईसी मैंबर डॉ. पवन स्थापक ने कहा कि यह कोई षणयंत्र तो नहीं इस संबंध में जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित होनी चाहिए। उन्होंने रिटायर्ड आईएएस वेद प्रकाश, पूर्व एएसपी अशोक शुक्ला एवं जेडी हैल्थ डॉ. संजय मिश्रा के नेतृत्व में जांच समिति गठित की है।
कुलपति को सहायता के लिए सलाहकारों की जरूरत नही
ईसी के समक्ष एमयू के कुलपति के सहायतार्थ सलाहकार समिति गठन के विषय को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कुलपति की सहायता के लिए अलग से किसी सलाहकार/सलाहकार समिति की आवश्यकता नहीं। अगली ईसी में सभी कॉलेजों की फैकल्टी की वरिष्ठता सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि एकेडेमिक काउंसिल/संकायाध्यक्षों की नियुक्ति की जा सके। इन सभी की नियुक्ति शासकीय महाविद्यालयों से करने और आवश्यकता पडऩे पर निजी महाविद्यालयों से करने की बात कही गई। 4 आईटी कंसल्टेंट की जगह 2 की नियुक्ति को ईसी ने मान्य किया। एमयू में रिक्त पदों को भरने प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने की बात कही गई।
-सॉफ्टवेयर कंपनी को शो कॉज जारी
ईसी मेंबर श्री राठौर ने कहा कि एमयू में पूर्णत: डिजिटलाईजेशन करने टीसीएस विप्रो जैसी अंतराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं से तीन माह के अंदर कराना है, ताकि एमयू के विद्यार्थियों को उनके मोबाइल पर समस्त दस्तावेजसमय सीमा के अंदर उपलब्ध कराए जा सकें। दस्तावेजों में अंकसूची, प्रोवीजनल डिग्री, मूल डिग्री और माइग्रेशन समय सीमा में उपलब्ध कराने की बात कही गई। उन्होंने समय सीमा में कार्य न करने वाली वर्तमान में कार्यरत सॉफ्टवेयर कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने और आगामी आदेश तक प्रक्रिया एमपी ऑनलाईन के माध्यम से संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए।
-मॉडरेशन की जगह डबल वैल्युएशन
वर्तमान में स्नातक स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लागू मॉडरेशन नियम और स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षाओं में डबल वैल्युएशन के विषय में विचार विमर्श के बाद ईसी ने निर्णय लिया गया कि मॉडरेशन के स्थान पर प्रत्येक उत्तर पुस्तिका का शत प्रतिशत डबल वैल्युएशन कराए जाने की व्यवस्था तत्काल लागू करने के निर्णय की पुष्टि की गई।
-स्वयंप्रभा इंस्टीट्यूट मामले जांच के लिए कमेटी गठित
स्वयंप्रभा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल टेक्नॉलॉजी के बीपीटी चतुर्थ वर्ष मार्च 2020 की परीक्षा में सम्मिलित 3 विद्यार्थियों के पेपर कोड पीटी एथिक्स मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन विषय के आंतरिक अंक महाविद्यालय द्वारा गलत प्रविष्ट किए जाने के कारण उक्त विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम प्रभावित होने के विषय में आंतरिक अंकों में त्रुटि सुधार के संबंध में प्रस्तुत प्रकरण में ईसी ने डॉ. परवेज सिद्दिकी, डॉ. राजेश मौर्य एवं डॉ. अजय फौजदार के नेतृत्व में तीन सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया है। ईसी ने कहा कि जांच प्रतिवेदन पर आगामी बैठक में इस विषय में विचार किया जाएगा। डा. परवेज सिद्दीकी ने कॉलेज द्वारा विद्यार्थियों के जो अंक भेजे जाते हैं उनमें कोई भी परिवर्तन न किया जाए एवं भविष्य में सभी कॉलेजों के विद्यार्थियों के प्राप्तांक अंको एवं शब्दों में भेजा करेंगे जिनमें एक प्रति हस्तलिखित हो।
-लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
ईसी ने वाहन सप्लाई के लिए एमयू प्रबंधन द्वारा दिए गए पूर्व की हरिओम ट्रैवल्स से सेवाएं लेने के बजाए पुन: निविदा आमंत्रित करने, मेनपावर कंपनी के समाप्त हो रहे अनुबंध पर पुन: विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत करने, हैल्प डेस्क में आए हुए फोन कॉल का निस्तारण जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा करने, परीक्षा नियंत्रक पर लगे गंभीर आरोपों के मामले मं, एमयू प्रबंधन द्वारा क्लीनचिट दिए जाने पर ईसी ने परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ की गई शिकायतों एवं उनके विरुद्ध साक्ष्यों के साथ प्रकरण को आगामी बैठक में रखने के निर्देश दिए, एमयू में आडिट के संदर्भ में ईसी ने अधिकारियों से सामंजस्य स्थापित कर ऑडिट कराने की बात कही।