स्कूलों के आसपास नो-एंट्री टाइम में भी बेखौफ दौड़ रहे हाइवा-डम्पर
नो-एंट्री समय में भी बेखौफ दौड़ रहे हाइवा-डंपर के आसपास के स्कूल
जेबर। रात 9 बजे से पहले और सुबह 6 बजे के बाद किसी भी तरह से हाईवा, डंपर और ट्रक, ट्रॉला जैसे बड़े वाहनों को शहर की सड़कों पर नहीं चलाना चाहिए। नो-एंट्री में यदि कोई निर्माण संबंधी जरूरी वाहन नहीं है तो हर तरह से ऐसे सामान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन शहर में इन दिनों हाइवा, डंपर नामित समय पर भी बेखौफ दौड़ रहे हैं। उखरी तिराहा, मार्ट फोर रोड और मैसाचुसेट्स चौक और आसपास के प्रमुख खंड और तिराहों पर लादे हाइवा, नाज़ुक बच्चों की साइकिल और ऑटो के करीब से खतरा पैदा हो रहा है। लगभग 5 से 7 किमी के क्षेत्र में यात्री भी स्टॉक में हैं या स्टॉक में हैं, वहां इन दिनों में गहनों की तलाश में आसानी से देखा जा सकता है। विशेष बात यह है कि परिवहन विभाग, सीमेंट पुलिस, मोटर वाहन हर तरह से नियमों का पालन करते हैं, इन स्थानों के अधिकारी इन पर कार्रवाई के नाम पर सार्जेंट से एक-सा रटा हुआ जवाब दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि नो-एंट्री टाइम पर उनकी सड़कों पर आजादी की दौड़ बंद हो जाती है। इनमें से एक के पास कोई भी प्लान नहीं है।
मासूमों की जान की चिंता नहीं
शहर से कुछ किमी दूर या फिर शहर के भीतर कालोनियों और भीतरी विचारधारा में स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन गाड़ियों की लंबाई और छूटते समय औसत से बड़ी संख्या में वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं। पूर्व में कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। इस समय सीमेंट पर विशेष नजर रखी जानी चाहिए, लेकिन शहर में हो रहा है कि इसी समय हाइवा और डंपर जैसे वाहन वाहनों पर प्रतिबंध पर रोक लगाए जा रहे हैं। कुछ समय पहले तक यह चट्टान कुछ थी, पर नगर निगम की बड़ी कचरा गाड़ियों को मिली छूट का लाभ सभी तरह से गिट्टी और रेत लादे हाइवा, डंपर स्ट्रीट्स पर दौड़ने लगे हैं। फतवे का कहना है कि जिम्मेदारों को मासूमों की जान की परवाह नहीं है। अगर ज़रा भी परवाह है तो कीटनाशक के साथ समय रहना चाहिए।
न स्वादिष्ट को दूध और न ही टमाटर पुलिस को फिक्र
700-800 शहर में पंजीकृत पंजीकरण
6000-8000 हाइवा, डंपर की संख्या
10000-12000 वैध और अवैध ऑटो
3500 से 4000 ई-स्क्रीन की संख्या
90-100 शहर की संख्या