व्यापमं मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, शासन ने नहीं दिया जवाब अब 19 फरवरी को होगी सुनवाई
जबलपुर, यशभारत। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। शासन की तरफ से इस मामले में पक्ष नहीं रखा गया जिसकी वजह से कोर्ट ने 19 फरवरी को दोबारा मामले की सुनवाई की तिथि निहित की।
मालूम हो कि व्यापमं घोटाला जुलाई 2009 में शासन के संज्ञान में लाया गया था। इसके बाद 17 दिसंबर 2009 को जांच कमेटी गठित हुई। बावजूद इसके 2010 से 2013 तक घोटाला होने पर जिम्मेदारों से पूछताछ करने को लेकर पारस सकलेचा द्वारा इंदौर हाईकोर्ट पिटीशन क्रमांक 20371/2023 में पिटीशन दायर की थी। उनके द्वारा STF को 11 दिसंबर 2014 को दस्तावेज सहित 350 पेज के आवेदन पर कार्यवाही की मांग की गई थी। इसे दिनांक 19/4/2024 को उच्च न्यायालय इंदौर ने निरस्त कर दिया था। इसके विरुद्ध सकलेचा ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। इसे स्वीकार करते हुए न्यायाधीश संजीव खन्ना तथा न्यायाधीश संजय कुमार ने राज्य शासन तथा सीबीआई को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। मामले में पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक तथा राज्यसभा सांसद विवेक तनखा और सर्वम ऋतम खरे ने की।
दस्तावेजों का पुलिंदा देने और घंटों बयान के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
याचिकाकर्ता सकलेचा ने अपने आवेदन में कहा है कि एसटीएफ द्वारा 27 नंबर 2014 को विज्ञप्ति क्रमांक 21503/14 जारी कर व्यापमं की जांच में बिंदु शामिल करने हेतु दस्तावेज सहित आवेदन आमंत्रित किए जाने पर उन्होंने 11 दिसंबर 2014 को दस्तावेज सहित 350 पेज का आवेदन दिया था। STF को 12 जून 2015 को मौखिक साक्ष्य के अतिरिक्त 71 पेज का लिखित बयान तथा 240 पेज के दस्तावेज भी दिए थे। 11 से 13 सितंबर 2019 को STF में पुनः 13 घंटे तक बयान दिए इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।