उधार के भवन में चल रहा जीआरपी का थाना-न हवालात न व्यवस्थाएं हाऊबाग चौकी भी दुर्दशा का शिकार
रेल डीएसपी ने किया डीआरएम को पत्राचार नया ट्रैक चालू हुए बीत गये 8 वर्ष. जीआरपी चौकी अभी भी 10 किलोमीटर दूर

आए दिन निकलता है घोड़ा पछाड़ सर्प . दहशत में ड्यूटी कर रहे आरक्षक
जबलपुर यश भारत/
जबलपुर जीआरपी इकाई के अंतर्गत आने वाली हाऊबाग की जीआरपी चौकी इस समय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है वही नैनपुर जीआरपी थाना उधार के भवन पर चल रहा है जहां पर हवालात भी नहीं है ऐसी स्थिति में जीआरपी स्टाफ है काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है रेलवे क्वार्टर में बना यह थाना रेलवे स्टेशन से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर है इसी तरह से हाऊबाग जीआरपी चौकी की जर्जर हालत की बात करें तो बारिश में टपकती छत जगह जगह पर पड़ी दरारें और जहरीले जीव जंतुओं के बीच जीआरपी कर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे हैं सूत्रों की माने तो इस जगह पर घोड़ा पछाड़ सर्प आए दिन निकलता रहता है जिससे यहां ड्यूटी पर तैनात जवान अपनी जान को हथेली पर रखकर दहशत के साए में ड्यूटी कर रहे हैं/

इस संबंध में रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाऊबाग जीआरपी मैं काफी व्यवस्थाएं फैली हुई है सूत्रों के मुताबिक यह जीआरपी चौकी पूर्व में दक्षिण पूर्व मध्य रेल के अधीन रही बाद में यह पश्चिम मध्य रेल के पास आ गई इसके बावजूद भी इस पुलिस चौकी का जीर्णोद्धार नहीं हुआ और अपनी बदहाल हालत में चल रही है इसी तरह से जीआरपी इकाई जबलपुर के अंतर्गत नैनपुर में भवन विहीन जीआरपी थाना रेलवे के क्वार्टर से संचालित हो रहा है जो करीब स्टेशन से 1 किलोमीटर दूर है जानकारों के मुताबिक इस थाना में 11 लोगों का स्टाफ है जिनकी रहने के लिए पर्याप्त व्यवस्था भी नहीं है/
चौकी से 10 किलोमीटर है रेलवे ट्रैक
इस संबंध में रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में जिस जगह पर हाऊबाग जीआरपी चौकी बनी हुई है उससे गोंदिया रेलवे लाइन की दूरी लगभग 10 किलोमीटर की है इस स्थिति में यदि किसी रेल यात्री के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो सबसे पहले उसको यह भी पता नहीं की हाउवाग जीआरपी चौकी किस जगह पर है और यदि यात्री को जानकारी भी है तो वह अधिक दूरी होने के कारण वहां जाना संभव नहीं समझता है इसलिए घटनाओं की जानकारी जीआरपी चौकी तक नहीं पहुंच पाती है/
2015 में चालू हुई थी ब्रॉडगेज गोंदिया रेल लाइन
गोंदिया नैरोगेज से ब्रॉडगेज रेल लाइन की शुरुआत 2015 में हुई थी जिसको बने हुए 8 साल पूर्ण हो चुके हैं किंतु जीआरपी चौकी अपनी जगह पर पर यथावत है बता दें कि रेलवे की तरफ से यात्रियों की जान माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी की होती है साथ ही जिस राज्य में ट्रेन जाती है उस राज्य में जीआरपी इकाई होती है जो यात्रियों की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहती है /
पेड़ों की जड़ फाड़ रही छत को
जीआरपी चौकी के के किनारे लगे पीपल और बरगद कि जड़े दीवारों को फाढ़ते हुए छतों पर पहुंची जहां पर छत भी क्षत-विक्षत हो गई है बारिश के समय यहां पर बैठना बहुत ही कठिन होता है यहां के दो कमरे बहुत जर्जर हालत में है जिस्म प्रभारी कक्ष एवं प्रधान आरक्षक लेखक प्रभारी कक्ष खराब हो गए हैं जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है/
एक आरक्षक के भरोसे चल रही चौकी
जीआरपी चौकी में जानकारों के मुताबिक स्वीकृत बल 7 लोगों का है जिसमें एक एएसआई एक प्रधान आरक्षक एवं 5 आरक्षक स्वीकृत है जबकि प्रजेंट टाइम में एक ही आरक्षक के भरोसे यह चौकी चल रही है जिससे रेलवे अधिकारियों की जनता के प्रति उदासीनता सामने आ रही है/
प्लेटफार्म पर ही होना चाहिए थाना व चौकी
इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि रेलवे के नियमों के अनुसार प्लेटफार्म पर ही थाना एवं चौकी स्थापित होना चाहिए किंतु रेलवे ट्रैक से 10 किलोमीटर बनी यह जीआरपी चौकी संबंधित विभाग के लिए एक बानगी है जिस की ओर किसी का ध्यानाकर्षण नहीं हो रहा है/
फैक्ट फाइल…
नैनपुर जीआरपी थाना
-एक एसआई
-दो प्रधान आरक्षक
-दो महिला आरक्षण
-सात आरक्षक
कुल स्टॉप 11
हाऊवाग जीआरपी चौकी
-एक एएसआई
-एक प्रधान आरक्षक
– 5 आरक्षण
कुल बल 7 स्वीकृत है किंतु वर्तमान में एक ही आरक्षक के भरोसे जीआरपी चौकी की कमान है/
क्या कहते हैं अधिकारी…
ग्वारीघाट में आरपीएफ का भवन तैयार हो चुका है शीघ्र ही उसी जगह पर हाऊबाग चौकी स्थानांतरित हो जाएगी इसी तरह से नैनपुर में थाना भवन के लिए संबंधित रेलवे डिवीजन के डीआरएम से पत्राचार किया गया है शीघ्र ही थाना भवन के लिए जगह की व्यवस्था की जाएगी/
लोकेश मार्को
डीएसपी रेल जबलपुर