जंगल में तब्दील हुए रेलवे कालोनियों के उद्यान एक्सरसाइज की मशीन टूटी पड़ी.जगह-जगह लगा कचरे का ढेर

जंगल में तब्दील हुए रेलवे कालोनियों के उद्यान
एक्सरसाइज की मशीन टूटी पड़ी.जगह-जगह लगा कचरे का ढेर
जहरीले जीव जंतुओं से बना रहता है भय का माहौल

जबलपुर यशभारत।रेलवे कॉलोनियों के उद्यान जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं। इन उद्यानों में बच्चों के लिए बनाई गई फिसल पट्टी और झूले टूटे हुए पड़े हैं जगह-जगह जमी घास से रेलवे के अधिकतर उद्यान अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहे हैं। वही संबंध में जानकारों की माने तो अफसरों की कॉलोनी में बने उद्यान में नियमित साफ सफाई होती रहती है किंतु कर्मचारियों के लिए बनी रेलवे कॉलोनी के उद्यान आखिर क्यों बदहाल पड़े हुए हैं। मदन महल की रेलवे उत्सव कॉलोनी इसकी एक बानगी है…!
रेलवे कॉलोनी में अफसरों-कर्मचारियों के बीच भेदभाव रवैया अपनाया जा रहा है जहां बच्चों के लिए बनाये गये उद्यानों में उनके लिए मनोरंजन के साधन टूटे पड़े हुए हैं।
तो फिर पक्षपात क्यों…
इस संबंध में सूत्रों ने बताया कि शहर की रेलवे कॉलोनी में चाहे वह बड़े अधिकारियों की हो या फिर कर्मचारियों की वहां पर करोड़ों रुपए खर्च करके शानदार गार्डन बनाये गये हैं।लेकिन वर्तमान हालात यह हैं कि अधिकारियों के उद्यानो में तो नियमित रखरखाव हो रहा है।वहां पर लगे झूले, व्यायाम की मशीनें पूरी तरह से काम कर रही हैं। घास समय पर काटी जा रही हैं।
उद्यानों की हालत दयनीय

रेलवे कॉलोनी में कर्मचारियों के उद्यानों की हालत बेहद ही दयनीय हालत में पहुंच चुकी है।अब बात चाहे नेहरू रेलवे कॉलोनी की ?हो हाऊबाग, मदन महल, अपर लाइन, लोको तलैया आदि क्षेत्र की रेल कालोनियों में कर्मचारियों के गार्डन में बड़ी-बड़ी घास ऊग आयी हैं. साथ ही यहां पर लगे झूले, फिसलपट्टी व एक्सरसाइज मशीनें भी कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं।कर्मचारियों का कहना है कि रेल प्रशासन को कम से कम बच्चों के लिए बनाये गये उद्यानों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए, जिस स्तर का रखरखाव अफसरों के लिए बनाये गार्डन का होता है, ठीक उसी तर्ज पर कर्मचारियों की कालोनियों के उद्यानों में भी किया जाए।
इनका कहना है …
रेलवे कॉलोनियों के उद्यानों का रखरखाव न होने के कारण वहां पर लगी एक्सरसाइज की मशीन है कबाड़ में तब्दील हो रही है। वहीं इन बदहाल पड़े उद्यानों से रेलवे की छवि भी खराब हो रही है। इनका मेंटेनेंस होना बहुत जरूरी है तभी कॉलोनी वासियों को इसका लाभ मिलेगा।
सतीश कुमार, संघ प्रवक्ता
वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ जबलपुर

करोड़ों खर्च होने के बाद भी समस्या यथावत
उल्लेखनीय है कि पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर की रेलवे की विभिन्न कालोनियों में करोड़ों रुपए खर्च करके कई उद्यान कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बनाये गये हैं, लेकिन जब इसके रखरखाव की बात आती है तो मेेंटेनेंस फंड में से अधिकांश राशि अफसरों के लिए बनाये गये गार्डन में खर्च की जा रही है, कर्मचारियों की कालोनियों के उद्यानों में जंगली घास, कचरा और जहरीले जीव जंतू ने डेरा बना लिया है।
जिससे कॉलोनी वासियों में भय का माहौल भी बना रहता है।