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जीएसटी में पहली बार, दोबारा दाखिल करने होंगे रिटर्न

आनलाइन सिस्टम की खामी उजागर, सैकड़ों व्यापारियों को जीएसटी काउंसिल ने भेजे ई-मेल।

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इंदौर, एजेंसी। जीएसटी काउंसिल और सरकार व्यापारियों के रिटर्न में त्रुटि सुधार या संशोधन की अनुमति नहीं देती, लेकिन अब व्यापारियों को फिर से रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की ओर से मंगलवार को ऐसी सूचना जारी की गई है। जीएसटी लागू होने के बाद सात वर्षों में यह पहला मौका है जब पहले दाखिल किए रिटर्न फिर से दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। जीएसटी नेटवर्क की गड़बड़ी और कारोबारियों के पुराने रिटर्न का डाटा आनलाइन सिस्टम में बदलने के चलते यह निर्णय लिया गया। जीएसटी की प्रणाली में पेचीदगी और साफ्टवेयर की खामियों को लेकर देशभर के व्यापारी लगातार आवाज उठा रहे हैं। पहली बार जीएसटी काउंसिल को इस कमी को स्वीकार भी करना पड़ा है। काउंसिल की ओर से प्रदेश के सैकड़ों व्यापारियों के पास ई-मेल पहुंचा है कि बीते महीने में भर चुके मासिक रिटर्न फार्म (3-बी) को वे फिर से दाखिल करें। हालांकि जीएसटी काउंसिल की ओर से सूचना दी गई है, यह रिटर्न सिर्फ उन्हीं व्यापारियों को दोबारा दाखिल करना है जिनके पास काउंसिल की ओर से इस बारे में ई-मेल पहुंचा है। पंजीकृत व्यापारी अपना-अपना ई-मेल आइडी खोल कर देंगे। जिन्हें ई-मेल प्राप्त हुआ है वे इस ई-मेल मिलने के 15 दिन के भीतर अपना रिटर्न फिर से दाखिल कर दें। साथ ही ई-मेल में संबंधित व्यवसायी को उस रिटर्न व माह की जानकारी भी दी गई है जिसे दोबारा दाखिल करना है। जीएसटी काउंसिल के अनुसार ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है कि जीएसटी ग्रीवान्स एंड रिड्रेसल कमेटी को कई कारोबारियों में शिकायत भेजी थी। शिकायत की जांच के बाद कमेटी ने साफ्टवेयर की त्रुटि की ओर संकेत किया है। इस आधार पर दोबारा रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जा रहा है।
रिटर्न में बदल गए आंकड़े
जीएसटी लागू होने के बाद कई बार यह परेशानी देखी जाती रही है कि व्यापारी अपने रिटर्न में जो आंकड़े दाखिल करते हैं और सेव करने तक वहीं दिखते हैं। रिटर्न दाखिल के बाद आनलाइन पोर्टल पर जब आंकड़े अपलोड होते हैं तो वे बदल जाते हैं। इससे कई व्यापारियों को परेशानी होती है। कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार कुछ व्यवसायी इस संबंध में अपने स्तर पर कसमसाकर रह जाते हैं।
कुछ एक व्यापारी होते हैं जो जीएसटी काउंसिल को शिकायत करते हैं। जीएसटी के शुरुआती वर्षों से अब तक लगातार ऐसा होता रहा है। बीते दिनों भी वास्तविक रूप से जो डाटा जीएसटी पोर्टल पर अपलोड हुआ है वह कुछ अलग ही हो गया। बहुत से व्यापारियों ने आनलाइन शिकायत दर्ज करवाकर उसका टिकट (रसीद) भी हासिल की थी।
ताजा सूचना के अनुसार दोबारा रिटर्न दाखिल करने के लिए भी इन ही व्यापारियों को मौका दिया जा रहा है जिन्होंने आधिकारिक शिकायत की थी। काउंसिल ने इसकी संख्या जाहिर नहीं की है। व्यक्तिगत रूप से व्यवसायियों को ई-मेल भेजे जा रहे हैं। इनसे किसी तरह का विलंब शुल्क या पेनाल्टी आदि नहीं लिया जाएगा।
खास बात ये है कि बार-बार मांग के बावजूद जीएसटी काउंसिल व सरकार ने रिटर्न में त्रुटि सुधार व संशोधन की मांग स्वीकार नहीं की है। इसके बाद कई व्यवसायियों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की है। इस याचिका पर भी अभी निर्णय आना लंबित है।

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Yash Bharat

Editor With मीडिया के क्षेत्र में करीब 5 साल का अनुभव प्राप्त है। Yash Bharat न्यूज पेपर से करियर की शुरुआत की, जहां 1 साल कंटेंट राइटिंग और पेज डिजाइनिंग पर काम किया। यहां बिजनेस, ऑटो, नेशनल और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं।

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