परिवार को युगांडा छोड़ने का आदेश, फिर पहुंचे अमेरिका, ट्रंप के खास काश पटेल बने स्नक्चढ्ढ डायरेक्टर, गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

वाशिंगटन, एजेंसी। भारतीय मूल के अमेरिकी काश पटेल को अमेरिकी सीनेट ने संघीय जांच ब्यूरो का डायरेक्टर नियुक्त किया है। अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। काश पटेल का परिवार आज से 70 से 80 साल पहले गुजरात छोड़कर युगांडा चला गया था। बाद में उनके परिवार को युगांडा भी छोड़ना पड़ा और पहले कनाडा फिर अमेरिका में जाकर बस गया। दरअसल, युगांडा में प्रवास करने वाले भारतीयों को तानाशाह ईदी अमीन ने अफ्रीकी देश से निकाल दिया था, जिन्होंने 1971 में सैन्य तख्तापलट करके सत्ता हथिया ली थी। 1972 में उन्होंने भारतीय समुदाय को 90 दिनों में अपना देश छोड़ने का आदेश दिया था। न्यूयॉर्क के मूल निवासी, काश पटेल ने अपनी स्नातक की पढ़ाई रिचमंड विश्वविद्यालय में पूरी की और फिर न्यूयॉर्क लौटकर कानून की डिग्री हासिल की, साथ ही यूनाइटेड किंगडम में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन फैकल्टी ऑफ लॉज़ से अंतर्राष्ट्रीय कानून में प्रमाण पत्र भी प्राप्त किया। न्यूयॉर्क में वर्ष 1980 में काश पटेल का जन्म हुआ। काश पटेल की जड़ें गुजरात के आनंद जिले के भद्रन गांव से जुड़ी हैं। उनका परिवार इसी गांव में रहता था। काश पटेल पाटीदार समुदाय से आते हैं। आज से करीब 70 से 80 साल पहले काश पटेल का परिवार गुजरात छोड़कर युगांडा चला गया था। पटेल के सभी करीबी परिवार के सदस्य विदेश में बस गए हैं। अफ्रीका जाने के बाद उन्होंने भद्रन में अपने पुश्तैनी घर बेच दिए थे।