नदी से निकालकर गौशाला में घुसा मगरमच्छ: स्थानीय ग्रामीणों ने किया स्वयं रेस्क्यू , छोड़ दिया मगरमच्छ को नदी में
जबलपुर, यशभारत। मटामर गांव में आज एक बार फिर मगरमच्छ नदी से निकालकर गांव के भीतर चला गया जिसे कि ग्रामीणों ने स्वयं रेस्क्यू कर वापस नदी में छोड़ा। नदी से निकालकर मगरमच्छ गांव के गौ शाला में घुस गया जिसके चलते गाय यंहा-वंहा भागने लगी। गाय की आवाज सुनकर ग्रामीण गौ शाला पहुंचे जहां उन्होंने देखा कि मगरमच्छ बैठा हुआ हैं।
गौ शाला के अंदर मगरमच्छ घुस गया हैं यह बात जब ग्रामीणों को पता चली तो वह लोग भी गौ-शाला पहुंच गए। मटामर गांव में रहने वाले धर्मेंद्र रजक ने अपने साथियों के साथ मगरमच्छ का रेस्क्यू किया, और फिर उसे पकड़कर परियट नदी में छोड़ दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पर्यटन अली से लगे क्षेत्र में हमेशा से ही मगरमच्छो का जमावड़ा रहता है। आए दिन मगरमच्छ गांव के भीतर घुस जाते हैं और फिर पालतू जानवरों को अपना शिकार बनाते हैं। घाना, खमरिया, मटामर, सोनपुर, वर्धाघाट गांव में हमेशा से ही मगरमच्छ की दहशत बनी रहती है बावजूद इसके वन विभाग इस और कभी ध्यान नहीं देता।
वन्य जीव प्रेमी शन्क्रेन्दु नाथ के मुताबिक पर्यटन नदी में सैकड़ों की तादाद में मगरमच्छ है। इन मगरमच्छों को संरक्षित करने के लिए लंबे समय से क्रोकोडाइल सेंचुरी की मांग भी उठ रही है। वन विभाग के अधिकारियों ने नदी के पास आकर हालात भी देखें पर सेंचुरी प्रोजेक्ट को लेकर आगे कोई बात नहीं बनी, लिहाजा हालात आज भी जस के तस हैं। आए दिन मगरमच्छ गांव में घुस आते जिसके चलते ग्रामीणों में दहशत बनी रहती है।