सिविल लाइन मलेनियम काॅलोनी जघन्य हत्या कांडः मनोचिकित्सक डाॅक्टर रत्नेश कुरारिया का मत, संयुक्त परिवार से बचाई जा सकती हैं ऐसी घटनाएं
सिविल लाइन मलेनियम काॅलोनी में शुक्रवार को हुई जघन्य हत्याकांड मामले ने कईयों के आंखों में आंसू लिए दिए हैं तो कई घटना से दुखी नजर आए, हर तरफ शहर में बस एक ही चर्चा सुनने को मिली कि इस भागदौड़ और चकाचैंध भरी जीवनशैली में मां-बाप अपने बच्चों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। यह बात कुछ हद तक सही भी हो सकती है परंतु इसको लेकर मनोचिकित्सकों का अलग मत है। इस बारे में डाॅक्टर रत्नेश कुरारिया का कहना है कि ऐसी घटनाएं होने से बचाया जा सकता है सबसे पहले सभी को संयुक्त परिवार में रहना होगा ऐसा इसलिए क्यांेकि संयुक्त परिवार से सदस्यों का एक डर-दबाव या फिर घर में चहल-पहल होने का अहसास होता है खास तौर पर बच्चे अपने आसपास ऐसे लोगों को पाना चाहते हैं जो उनके अपने हो, उनसे वह अच्छी और बुरी बातें शेयर कर सकें। अगर बच्चे के साथ ऐसा होता है तो मान लीजिए वह बच्चा कभी भी गलत रास्ते और दूसरे ख्यालों में नहीं जा सकता है।
मनोचिकित्सक डाॅक्टर रत्नेश कुरारिया ने पूरे मामले पर कहा कि लड़की और लड़का दोनों की उम्र इतनी नहीं है कि वह अच्छे-बुरा समझ सकें। यही हुआ है दोनों के साथ उन दोनों को ये लगना लगा था कि उनकी मोहब्बत के बीच भाई और पिता बाधा बनेंगे इसलिए एक समझी साजिश के तहत दोनों एक राय होकर इस घटना को अंजाम दिया। श्री कुररिया कहते हैं कि यह स्थिति तब बनती है जब घर में मां न हो या फिर संयुक्त परिवार न हो। नाबालिक बेटी की मांग कुछ माह पूर्व ही गुजर गई थी और पिता अपने कामों में व्यस्त थे और इसी बीच बेटी अकेली रहने लगी और उसने लगने लगा होगा कि प्रेमी के सिवाय उसक और कोई नहीं है। ऐसे केस तब सामने आते हैं जब दोनों तरफ से व्यक्ति बौद्विक क्षमता खो देता है।