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नौनिहालों की जान खतरे में, अभिभावकों ने स्कूल में जड़ा ताला : गिरती छत और टपकते पानी के बीच बच्चे संवार रहे थे अपना भविष्य

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मंडला, यश भारत|रैनी सीजन अपने शबाव पर है, और पूरे मध्यप्रदेश में इस वर्ष अच्छी बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई क्षेत्रों का संपर्क भी आपस में टूट गया, लोग परेशान भी हुए, वहीं इसी बीच विगत दिवस मप्र के रीवा और सागर जिले में जर्जर भवन और दीवार गिरने से करीब एक दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई। जिसके बाद मंडला जिला प्रशासन भी सर्तक हो गया और मंडला नगरपालिका क्षेत्र में जर्जर भवनों की खोजबीन शुरू कर दी गई।

अभिभावकों ने स्कूल में जड़ा ताला
अभिभावकों का कहना है कि इन तस्वीरों में स्पष्ट देख सकते है कि ये आदिवासी बच्चें अपनी जान जोखिम में डालकर इस जर्जर शाला भवन में पढऩे मजबूर हैं। बच्चों के जान की हिफाजत और उनकी सुरक्षा को देखते हुए गुस्साऐ ग्रामीणों ने अपने बच्चों की जान की परवाह करतें हुए स्कूल ना भेजने का फैसला ले लिया है। जिसके बाद अभिभावकों ने एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला पौड़ी में ताला डाल कर संबंधित अधिकारी, कर्मचारी और मंडला कलेक्टर को शाला भवन का निरीक्षण करने की मांग की है। अभिभावकों का कहना है कि यहां जब तक संबंधित अधिकारी नहीं आते है, तब तक शाला बंद ही रहेगा।

बच्चों के ऊपर गिर गया था छत का प्लास्टर

बीजाडांडी विकासखण्ड के ग्राम पौड़ी में एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला पिछले कई वर्षों से संचालित है। इस माध्यमिक शाला में कक्षा पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक के बच्चे पढऩे आते है। ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल भवन में पिछले कई वर्षों से पानी टपक रहा है। कई बार इसके लिए शिकवा शिकायतें की गई। इसके बाद भी ग्राम पौंडी में ना तो नया स्कूल भवन बन सका ओर ना ही इस पुराने शाला भवन की मरम्मत कराई गई। अभिभावकों ने बताया कि विगत दिवस स्कूल में रोजाना की तरह ग्राम के बच्चे पढऩे पहुंचे। कक्षा में बैठकर पढ़ाई शुरू की, उसी दौरान स्कूल की छत का प्लास्टर अचानक भरभराकर कक्षा में बैठे बच्चों के ऊपर गिर गया। इस हादसे में एक बच्चों को पैर में चोट आ गई। जिसके बाद बच्चें को उपचार के लिए ले जाया गया। अब बच्चा स्वस्थ है।

कई बार कर चुके आवेदन, निवेदन
बीजाडांडी के एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला पौड़ी में शाला भवन जर्जर अवस्था में है। यहां नौनिहालों की जान खतरें में है। यहां पढऩे वालें बच्चों को पढ़ाई करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल की छत भरभराकर गिर रही है, कक्षा के अंदर पानी भी भर रहा है। जिससे बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे है। इस समस्या के लिए पालक शिक्षक संघ ने कई बार शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधि और नेताओं से आवेदन निवेदन कर चुकी है, बावजूद इसके इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। पालक शिक्षक संघ और बच्चों के अभिभावकों ने एक मतेन होकर कहां कि जब तक बच्चों के पढऩे के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की जाती है, तब तक स्कूल नहीं खुलेगा।

बीआरसी और उपयंत्री पहुचे निरीक्षण में ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही जर्जर स्कूल भवन की जानकारी स्थानीय प्रशासन को लगी, वैसे ही बीआरसी मनोज चंदेल और जनपद पंचायत बीजाडांडी के उपयंत्री सत्येंद्र बेन को ग्राम पौड़ी में एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला का निरीक्षण करने भेजा गया। जहां इनके द्वारा स्कूल भवन का निरीक्षण किया गया। जिसके बाद बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने ग्राम में ही शाला लगाने के लिए भवन की तालाश की, लेकिन शाला के लिए भवन नहीं मिल सका और दोनों कर्मचारी ग्राम से चले गए।

इनका कहना है…..
जर्जर शाला भवन की जानकारी जिला स्तर से जो मांगी गई थी उसमे एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला पौड़ी का नाम भी है, ग्रामीणों ने शाला भवन में ताला क्यों लगा दिया है इस विषय की जानकारी नहीं है इसे संज्ञान में लेकर तत्काल कार्यवाही की जावेगी।
अवधेश दुबे, बीईओ बीजाडांडी

स्कूल भवन के अंदर पानी भरा रहता है और छत भी गिर रही है, इस विषय में हम ग्रामीणों ने जन सुनवाई और अधिकारी और जनप्रतिनिधि को सूचना दी है लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। इसलिए सभी ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर शाला भवन में ताला जड़ दिया है।
विजय कुमार धूमकेती, ग्रामीण पौड़ी

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