
जबलपुर यश भारत। संस्कारों से भरी संस्कारधानी में हैवानियत और दरिंदगी की वारदातें शहर को दागदार कर रही है। महिलाओं, बच्चियों की सुरक्षा के लिए भले ही लाख दावे कर लिए जाए लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हालात तो ऐसे बन गए है कि वे न तो घरों में महफूज है और न घर के बाहर सुरक्षित है। दरिंदें फूल जैसी मासूम बच्चियों तक को हवश का शिकार बना रहे है। जबकि कई तो ऐसी भी हैवानियत की वारदातें होती जो थानों की चौखट तक बदनामी के डर से नहीं पहुंच पाती हंै। अगर मामले थाने की चौखट तक पहुंच भी जाए तो कई ऐसे मामले सामने आ चुके है जिसमें बेखौफ आरोपी पीडि़त को या तो डराते धमकाते है, या गवाहीं बदलने का दबाव बनाते नजर आते है।ऐसा ही मामला लार्डगंज थाने में घटित होता दिख रहा है जहां एक नाबालिक पिछले 5 दिन से लापता होने के बाद से उसके परिवार की स्थिति बेसुध हो गई है । परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जिस व्यक्ति पर उन्हें शक है पुलिस को उसके बारे में वे सब बता चुके हैं फिर भी पुलिस द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और 5 दिन बीत गए मामला जस का तस बना हुआ है। मामले को लेकर लार्डगंज थाना प्रभारी का कहना है कि मामला थाने में पंजीबद्ध है हमारी टीमें मामले में नजर बनाए हुए हैं जल्दबाजी में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है
उजारपुरवा बस्ती का मामला -पीड़ित बाजार पूर्व बस्ती के हैं जिनकी बच्ची 13 वर्षीय 5 दिन पहले से घर से गायब है पीड़ित परिवार का कहना है कि बंगाली टाइगर नाम की कडेड युवा जिसके पूछ से ही दो बच्चे हैं और वह शादीशुदा हैं वह उसे साउथ में वैल्यू नामक शहर ले गया है और वहां से लगातार इंस्टाग्राम में वीडियो भी डाल रहा है यह सारी बातें पुलिस को बताई जा चुकी हैं फिर भी पुलिस ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है
एक महीने में लगातार 6 से 7 ऐसी घटना
पिछले अप्रैल माह में कुछ ऐसी 6,7 वारदातें समाने आई जिसमें इस प्रकार दरिंदगी की गई जहां कोतवाली थाना क्षेत्र में सगे मामा ने दस साल की भांजी के साथ दरिंदगी की। मझगवां थाना क्षेत्र में साढ़े चार साल की मासूम को पड़ोसी ने हवस का शिकार बनाया। गढ़ा थाना क्षेत्र में रहने वाली सातवीं कक्षा की छात्रा के साथ मंडला में गैंगरेप हुआ। गोहलपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली 15 साल की बालिका के घर में घुसकर युवक ने दुष्कर्म किया।
कोड रेड के बाद शक्ति टॉक्स फोर्स गायब
बालिकाओं, महिलओं को सुरक्षा का एहसास दिलाने शहर में नवाचार तो हुए लेकिन समय के साथ बंद कर दिए गए। एक समय था जब कोड रेड के सामने शोहदे थरथर कांपते थे। लेकिन कोड रेड पुलिस सडक़ों से गायब हो गई। इसके बाद जबलपुर को छेड़छाड़ मुक्त करने और बेटियों के लिये सुरक्षित शहर बनाने की दिशा में 8 अप्रैल 23 को कोड रेड की तर्ज पर शक्ति टास्क फोर्स का गठन हुआ। टीमें शोहदों को सबक सिखाने और महिला, युवतियों, बालिकाओं को सुरक्षा का अहसास दिलाने भ्रमण करती थी लेकिन चंद दिनों बाद ये फोर्स भी सडक़ों से गायब हो गया।